दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में अमेरिकी महिला के साथ हुए गैंगरेप केस में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें टूरिस्ट गाइड भी शामिल है. अमेरिकी महिला अपने दोस्तों के साथ भारत घूमने आई थी. कनॉट प्लेस के एक फाइव स्टार होटल में टूरिस्ट गाइड सहित पांच लोगों पर उसने गैंगरेप का आरोप लगाया था. पीड़िता ने ईमेल से इसकी शिकायत की थी.
अमेरिकी महिला ने वारदात के बाद पहली बार 'आजतक' के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा था कि भारत में रेप की समस्या ज्यादा है, जिसे कम करने की जरूरत है. ऐसे अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. इस घटना के बाद भी भारत को लेकर उनके नजरिए में कोई परिवर्तन नहीं आया है. भारत में रेप के मामले और संजीदगी से लिए जाने चाहिए.
पीड़िता ने कहा था कि पुलिस जिस तरह से केस को हैंडल कर रही है. उससे उन्हें ज़रा भी संतुष्टि नहीं है. रेप उनकी खुद की समस्या नहीं, बल्कि एक ग्लोबल समस्या है. पुलिस को जल्द से जल्द आरोपियों को अरेस्ट करना चाहिए. पीड़िता ने 5 लोगों को आरोपी ठहराया है. इसमें से टूरिस्ट गाइड, बस ड्राइवर, क्लीनर, होटल का एक कर्मचारी और उसका कजिन शामिल है.
पीड़िता ने पिछले सप्ताह मंगलवार को धारा 164 के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए थे. वह पिछले कई दिनों से भारत में मौजूद हैं. इससे पहले ही पुलिस ने आरोपी टूर गाइड का फोन जब्त करके फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. टूरिस्ट गाइड ने गैंगरेप की घटना का वीडियो भी बनाया था. पुलिस ने होटल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी देखी है.
दिल्ली महिला आयोग ने इस केस में स्वत: संज्ञान लेकर पुलिस को नोटिस जारी किया है. आयोग को पता चला कि पीड़िता इस केस की जांच से संतुष्ट नहीं है. पीड़िता ने 'आजतक' के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में भी इस बात का जिक्र किया था. आयोग इस बात से भी दुखी है कि पुलिस ने क्राइसिस इंटरवेंशन सेल/रेप क्राइसिस सेल को भी सूचित नहीं किया है.
दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को यह सवाल के साथ नोटिस जारी किया है कि रेप के मामले पर विचार करने वाली उसकी इकाई को तब सूचना क्यों नहीं दी गई जब पुलिस ने उस अमेरिकी नागरिक का बयान दर्ज किया. यह जानकर बहुत दुख हुआ है कि इस मामले में काउंसिलर को तब सूचित नहीं किया जब पीड़िता का बयान दर्ज किया जा रहा था.
आयोग ने दिल्ली पुलिस के उपायुक्त को भेजे अपने नोटिस में कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है. इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन हुआ है, जिसमें कहा गया था कि ड्यूटी आफिसर किसी भी रेप के मामले की सूचना या शिकायत प्राप्त करने पर आयोग की रेप क्राइसिस सेल/क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर को सूचित करेगा.
बताते चलें कि इस वारदात के संबंध में पीड़िता ने दिल्ली पुलिस को मेल किया गया. इसके साथ ही इस संबंध में यूएस एंबेसी को भी जानकारी दी थी. दिल्ली पुलिस ने 3 दिसंबर को इस मामले में केस दर्ज किया था. इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिल्ली के एलजी और अमेरिका में भारत के राजदूत से बात की थी. इस पर सख्त एक्शन लिए जाने पर जोर दिया था.