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राजस्थानः लाखों में बेच रहे थे MBA-BBA की फर्जी डिग्रियां, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन के साथ मिलीभगत कर फर्जी डिग्री देने वाले आरोपी को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर श्रीगंगानगर में तकरीबन 50 लोगों को एमबीए, बीबीए, बीएससी समेत अन्य पाठ्यक्रमों की फर्जी डिग्री देने का आरोप है.

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डेढ़ लाख से लेकर 2 लाख रुपये में बेच रहे थे फर्जी डिग्री
डेढ़ लाख से लेकर 2 लाख रुपये में बेच रहे थे फर्जी डिग्री

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जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन के साथ मिलीभगत कर फर्जी डिग्री देने वाले आरोपी को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर श्रीगंगानगर में तकरीबन 50 लोगों को एमबीए, बीबीए, बीएससी समेत अन्य पाठ्यक्रमों की फर्जी डिग्री देने का आरोप है.

गिरफ्त में आए आरोपी का नाम पवन कुमार (65 वर्ष) है. श्रीगंगानगर के रहने वाले आरोपी पवन ने इस फर्जीवाड़े के जरिए लाखों रुपये बनाए. आरोपी ने एक-एक अभ्यर्थी से डेढ़ लाख से लेकर 2 लाख रुपये तक वसूले. जांच में पता चला कि पवन ने साल 2012-13 में यह डिग्री अभ्यार्थियों को दी थी. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जोधपुर यूनिवर्सिटी के अफसर और नक्षत्र ग्रुप नोएडा के अफसर एक फर्जी डिग्री के बदले में 20 हजार रुपये देते थे.

गौरतलब है कि साल 2014 में एसओजी ने जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा किया था. एसओजी ने यूनिवर्सिटी चेयरमैन कमल मेहता समेत करीब 15 लोगों को गिरफ्तार किया था. एसपी (एसओजी) संजय श्रोत्रिय ने बताया कि आरोपियों ने पहली वाली डिग्रियों को रेगुलराइजेशन करने के लिए यूनिवर्सिटी में फिर से परीक्षाएं करवाई थी. इस मामले में आरपीएससी व अन्य एजुकेशन एजेंसियों को सूचित कर दिया गया है.

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बता दें कि आरोपियों ने यूनिवर्सिटी से 25 हजार फर्जी डिग्रियां आवंटित की थी. इस दौरान आरोपी पवन कुमार ने कोर्ट में याचिका दी थी कि एसओजी के कारण अभ्यार्थियों की परीक्षाएं नहीं हो रही और उन्हें डिग्रियां नहीं मिल पा रही है. एसओजी ने मामले की जांच शुरु की तो याचिकाकर्ता पवन कुमार भी इस रैकेट में शामिल पाया गया. फिलहाल एसओजी ने आरोपी पवन कुमार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.

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