देश में एक ओर जहां नोटबंदी से भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं राजस्थान में नोटबंदी का भ्रष्टाचार पर रत्ती भर भी असर दिखाई नहीं दे रहा है. झुंझुनूं के बिसाऊ थाने में आरोपियों को छोड़ने के लिए पुलिसवाले रिश्वत की मांग कर रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में पुराने नोटों की रिश्वत मांगे जाने का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो वायरल होते ही पुलिस के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.
दो मिनट सात सेकेंड के इस वीडियो ने पुलिस की पोल खोल कर रख दी है. इस वीडियो में थाने के हेड कांस्टेबल प्रेम नारायण और पीड़ित परिवार के बीच हुई बातचीत दर्ज है. दरअसल झुंझुनूं के बिसाऊ थाने में एक दुकान से चोरी के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था. मामले में सेहीराम नामक एक शख्स को भी पकड़ा गया था. परिजनों ने सेहीराम के बेकुसूर होने का हवाला देते हुए उसे छोड़ने की बात कही.जिसके बाद हेड कांस्टेबल प्रेम नारायण ने पीड़ित परिजनों से रिश्वत की मांग की.
मजबूर परिजन 40 हजार रुपये का इंतजाम नहीं कर पाए, लिहाजा सेहीराम को नहीं छोड़ा गया. पुलिस ने सेहीराम को आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया. वीडियो में हेड कांस्टेबल प्रेम नारायण एक अन्य आरोपी के परिजनों से 1 लाख 35 हजार रुपये लेकर आरोपी को छोड़े जाने की बात कुबूलता है. वहीं वीडियो में उसने रिश्वत की रकम को ऊपर तक पहुंचाए जाने का भी जिक्र किया. परिजन पुलिस प्रशासन की पोल खोलने के लिए वीडियो एसपी दफ्तर लेकर गए लेकिन वहां से उन्हें भगा दिया गया.
सेहीराम के परिजन अब न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं. वहीं सेहीराम अभी पुलिस रिमांड में है. इस वीडियो के वायरल होने से पुलिस को मानो सांप सूंघ गया है. फिलहाल पुलिस के आला अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस के सामने और पुलिस के खिलाफ सबूत होने के बावजूद सेहीराम और उसके परिवार को इंसाफ कौन दिलाएगा.