गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में सीबीआई की रिपोर्ट से एक नया मोड़ आ गया है. पुलिस की थ्योरी के विपरीत सीबीआई ने कहा है कि स्कूल के एक 11वीं के छात्र ने प्रद्युम्न का मर्डर किया है. सीबीआई की रिपोर्ट पर संतोष जताते हुए प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने मांग की है कि इस मामले में झूठी कहानी गढ़ने वाले और लीपापोती करने वाले स्कूल प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सभी लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
प्रदयुम्न के पिता के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए उनके वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा कि केस की जल्दी सुनवाई होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने मांग की, 'आरोपी छात्र को वयस्क माना जाए और उसे फांसी की सजा दी जाए.'
उन्होंने स्कूल प्रशासन ज़्यादा ज़िम्मेदार बताते हुए उनकी भूमिका की गहराई से जांच की मांग की. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस बात का पता लगाया जाए कि अशोक को किसने खड़ा किया, सबूत क्यों और कैसे मिटाए गए.
इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र (16) को हिरासत में लिया है. इस मामले में छात्र से हिरासत में पूछताछ की जा रही है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि आरोपी छात्र ने एग्जाम और पीटीएम की वजह से इस वारदात को अंजाम दिया है. इस छात्र को तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर रखा गया है.
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि आरोपी छात्र स्कूल में होने वाली परीक्षा और पैरेंट्स-टीचर मीटिंग को टालना चाहता था. इसलिए उसने इस वारदात को अंजाम दिया है. इस वारदात के संबंध में जांच के दौरान कई वैज्ञानिक सबूत भी मिले हैं. सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी दिखा है. सीबीआई ने उसे बुधवार ज्यूवेनाइनल कोर्ट में पेश किया.
प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर और उनके वकील ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्कूल और हरियाणा पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाया. प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा, 'कहीं न कहीं सीबीआई ने जो बताया है, वह एक संभावित वजह हो सकती है. बच्चा पढ़ाई में कमजोर था, उसे जिस तरह के सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ता था, उसकी वजह से वह ऐसा कर सकता है. इसके अलावा वह बच्चा लंबे समय से स्कल में है, स्कूल परिसर में जो खामियां थीं, उसका उसको पता था, इसलिए उसने वो साइट चुना. पुलिस ने पहले जिस तरह की थ्योरी चुनी थी, उस पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा था. लोगों के मन में शंका थी कि पुलिस की कहानी के कुछ अलावा है. यह बात अब साबित हो गई है. हम सीबीआई से चाहते हैं कि वह इस मामले की और जांच करें और सबके सब दोषी सामने आएं और उनके खिलाफ चार्ज फ्रेम हों, ताकि एक पॉजिटिव मैसेज जाएं कि इस तरह की घटना आगे नहीं होगी और अपराधियों में डर कायम हो कि वे महफूज नहीं घुम सकते.'
दोषियों को फांसी हो
वरुण ठाकुर के वकील सुशील टेकड़ीवाल ने कहा, 'इस मामले में लीपापोती करने का पूरा प्रयास किया गया. घटनास्थल में इस तरह के बदलाव किए गए जैसे वहां कोई अपराध ही नहीं हुआ. यह किसके दबाव पर किया गया? पुलिस किसको बचाना चाहती थी? सीबीआई को ऐसे सभी लोगों को सलाखों के पीछे लाना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'सीबीआई के मुताबिक 11वीं क्लास के एक बच्चे ने यह हत्या की है. वह चाहता था कि एग्जाम टल जाएवह औसत स्टूडेंट था. सीबीआई के पास पर्याप्त सबूत हैं, सीसीटीवी फुटेज हैं. हम इससे संतुष्ट हैं और उम्मीद है कि सही अपराधी सलाखों के पीछे होगा. यह षडयंत्र काफी गहरा लगता है. स्कूल के टॉप मैनेजमेंट और स्थानीय प्रशासन से भी पूछताछ करना चाहिए, क्योंकि उनकी मिली भगत के बिना लीपापोती का यह प्रयास नहीं हो सकता. हम चाहते हैं कि दोषी को सजा मिले, उसे फांसी हो.'
पुलिस की थ्योरी से हम संतुष्ट नहीं
वकील ने कहा कि वरुण ठाकुर को शुरू से पुलिस पर भरोसा नहीं था, इसलिए सीबीआई जांच की मांग की गई. रेयान की मालकिन एक राजनीतिक दल से जुड़ी हैं हमारा शुरू से कहना है कि यह परिवार इस मामले को दबाने में शामिल हो सकता है. हमें बस न्याय चाहिए. हम पिंटो परिवार की जमानत का विरोध करने के लिए पिछले दो महीने से संघर्ष कर रहे हैं. हम किसी को छोड़ेंगे नहीं. यह सख्त संदेश हम देना चाहते हैं. सीबीआई ने भी कहा है कि षडयंत्र में पिंटो परिवार के शामिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता.