दिल्ली पुलिस ने चोरी हुए 2 करोड़ रुपये की कीमत के शॉल आखिरकार बरामद कर लिए हैं. ये शॉल कोई मामूली शॉल नहीं हैं. दरअसल, ये शॉल 250 साल पुराने हैं. इसलिए इनकी कीमत 2 करोड़ रुपये है. ये शॉल दिल्ली के प्रगति मैदान के म्यूजियम से चोरी हो गए थे.
घटना बीती 31 अक्टूबर की है. जब दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि दिल्ली के प्रगति मैदान म्यूजियम से 16 बेशकीमती 250 साल पुराने शॉल चोरी हो गए हैं, जिनकी कीमत 2 करोड़ रुपये है. इस ख़बर ने दिल्ली पुलिस के होश उड़ा दिए, पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की.
पुलिस ने पहले म्यूजियम में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला. जिस दिन चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया, उस दिन म्यूजियम के सीसीटीवी कैमरे खराब थे. पुलिस जांच में जुटी रही और पुलिस ने पुरानी सीसीटीवी फुटेज खंगाली.
जिसमें पुलिस को दो लड़कों पर शक हुआ. पुलिस ने उस दिन का डंप डेटा लिया और उसकी जांच की. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वारदात वाली रात दो नंबरों पर 46 बार बात की गई. यहीं से पुलिस को सुराग मिला और इसी क्लू से पुलिस चोरों तक पहुंच गई.
इसके बाद पुलिस ने फिल्मी अंदाज में इस चोरी को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड विनय परमार और उसके कजिन तरुण को गिरफ्तार कर लिया. चोरी करने से पहले विनय और तरुण ने कई दिनों तक म्यूजियम की रेकी की थी. यह चोरी फिल्म धूम 2 की तर्ज पर की गई थी.
चोरी से कुछ दिन पहले विनय रैकी करते हुए म्यूजियम के बंद होने के समय अंदर ही रह गया था. ये देखने के लिए की आखिर वो पकड़ा जाएगा कि नहीं. कुछ देर अंदर रहने के बाद उसने शोर मचाया और गार्ड ने उसे बाहर निकाल लिया.
प्लान के मुताबिक चोरी का दिन तय किया गया. विनय और तरुण म्यूजियम पहुंचे. लेकिन इस बार विनय नहीं तरुण म्यूजियम बंद होने के समय अंदर ही रह गया. फिर विनय ने फ़ोन पर तरुण को ये बताया कि आखिर कौन-कौन से शॉल पर हाथ साफ करना है.
16 बेशकीमती शॉल चोरी कर तरुण खिड़की का शीशा तोड़कर बाहर आ गया. और दोनों फरार हो गए. विजय ने 15 शॉल कोलकाता भेज दिए और एक शॉल को दिल्ली में ही अपने एक साथी आदिल शेख के पास रखवा दिया. ताकि बेचने के समय सैंपल के तौर पर उसे दिखाया जा सके.
लेकिन ये तीनों दिल्ली पुलिस से नहीं बच पाए. पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया और सभी 16 शॉल बरामद कर लिए. पूछताछ में पता चला कि इस चोरी का मास्टरमाइंड विनय परमार ही था. पुलिस की मानें तो विनय एक बिजनेसमैन है. उसका हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट का काम है. इसलिए उसे पता था कि इन शॉल की कीमत क्या है.
विनय के कजिन तरुण का दिल्ली के जनपथ बाजार में हैंडलूम का काम है और आदिल शेख का भी यही काम है. फ़िलहाल ये तीनों अब सलाख़ों के पीछे हैं.