कर्नाटक में श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की तुलना कुत्ते की मौत से करके एक नए विवाद को जन्म दिया है. हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी दी.
प्रमोद मुतालिक ने कहा, 'गौरी लंकेश की हत्या में श्रीराम सेना की कोई भूमिका नहीं है. हर कोई यही कह रहा है कि गौरी लंकेश की हत्या में हिंदू संगठनों का हाथ है. महाराष्ट्र में दो हत्याएं और कर्नाटक में दो हत्याएं कांग्रेस के समय हुई हैं. लेकिन कोई भी कांग्रेस की विफलता की बात नहीं कर रहा. इसकी जगह यह कहा जा रहा है कि पीएम मोदी इस पर चुप क्यों हैं? अब इस पर पीएम मोदी क्यों प्रतिक्रिया दें? क्या आप चाहते हैं कि कर्नाटक में हर कुत्ते की मौत पर मोदी कोई प्रतिक्रिया दें?
खबरों के अनुसार, बाद में उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसी कोई सीधी तुलना नहीं की है. उन्होंने बेंगलुरु में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में यह बयान दिया था.
मुतालिक ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सत्ता है, लेकिन बुद्धिजीवी पीएम मोदी पर उंगली उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके संगठन का गौरी लंकेश से वैचारिक मतभेद था, 'लेकिन हम इतने नीचे नहीं गिर सकते कि किसी की हत्या कर दें.'
गौरी लंकेश हत्या मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने हाल में श्रीराम सेना के विजयपुरा जिले के अध्यक्ष राकेश मठ से पूछताछ किया था. संदिग्ध शूटर परशुराम वाघमारे इस संगठन से जुड़ा था. इसके अलावा मुतालिक के साथ वाघमारे की एक फोटो भी मीडिया में प्रसारित हुई जिसके बाद एसआईटी का संदेह और बढ़ गया.
गौरतलब है कि गौरी लंकेश दक्षिणपंथी विचारों की मुखर विरोधी थीं. 5 सितंबर, 2017 को बाइक पर आए दो हमलावरों ने उनके घर के बाहर उनकी हत्या कर दी थी.