आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक गर्भवती महिला को चादर के स्ट्रेचर में 6 किलोमीटर ढोकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा. वह भी इसलिए, क्योंकि सड़क खराब होने का हवाला देकर एंबुलेंस भेजे जाने से इनकार कर दिया गया था.
विशाखापट्टनम के कोटाउरतला गांव की रहने वाली पीड़िता के परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को उसे प्रसव पीड़ा उठी तो उन्होंने 108 नंबर डायल कर एंबुलेंस भेजने का अनुरोध किया. लेकिन अस्पताल ने खराब सड़क का हवाला देते हुए एंबुलेंस भेजने से इनकार कर दिया. गांव से अस्पताल सड़क मार्ग से 10 किलोमीटर दूर है.
एंबुलेंस भेजे जाने से इनकार करने के चलते गर्भवती महिला के परिजनों ने मजबूरी में एक डंडे में चादर बांधकर स्ट्रेचर तैयार किया और उसी में बिठाकर महिला को अस्पताल पहुंचाया गया. परिजनों ने बताया कि उन्हें गर्भवती महिला को उठाकर करीब 6 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. गनीमत रही कि शेष चार किलोमीटर के लिए उन्हें ऑटो रिक्शा मिला, जिसमें शेष 4 किलोमीटर की दूरी तय की गई.
स्वास्थ्य सेवा की इस बदहाली को लेकर इलाके की विधायक तेलुगू देशम पार्टी (TDP) की नेता अनीता ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुनीता का कहना है कि राज्य में कोई स्वास्थ्य मंत्री नहीं है, जिसके चलते इस तरह की घटनाएं आए दिन सुनने को मिलती हैं.
उन्होंने कहा, 'अब समय आ गया है कि राज्य में किसी को स्वास्थ्य मंत्री बनाया जाए.' जानकारी के मुताबिक, विशाखापट्टनम की आधी से अधिक आदिवासी आबादी को खराब सड़क मार्गों के चलते स्वास्थ्य सेवाएं से महरूम रहना पड़ता है.