रायबरेली की जिला जेल में मंगलवार की देर रात कैदीयों ने जेलर और उनके स्टॉफ पर हमला बोल दिया. इस हमले में जेलर की टांग टूट गई जबकि डिप्टी जेलर और तीन सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गए. कैदियों ने ये हमला बैरक से मिले मोबाइल फोन और अन्य प्रतिबंधित सामान को जब्त किए जाने के बाद किया.
बीती रात जेलर धीरज कुमार सिन्हा, डिप्टी जेलर शैलेंद्र सिंह और तीन सिपाहियों के साथ बैरक का नियमित निरीक्षण कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बैरक नं. 6ए के कैदियों के पास से मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड बरामद किए. जब बरामद सामान को सीज किए जाने की कार्रवाई होने लगी तो बैरक 1एबी के कैदी वहां आ गए और जेलर को स्टाफ समेत वहां से जाने के लिए कहा. पर जेलर ने उनकी एक नहीं सुनी और वो अपनी कार्रवाई में लगे रहे. गुस्से में आकर कैदियों ने जेलर और उनके स्टॉफ पर एक साथ हमला बोल दिया. हमले में जेलर धीरज कुमार के पैर की हड्डी टूट गई जबकि डिप्टी जेलर और सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना के बाद जेलर को लखनऊ रैफर कर दिया गया जबकि बाकी लोगों का इलाज रायबरेली के जिला अस्पताल में किया जा रहा है.
दिलचस्प बात यह है कि पहले जेल प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश करता रहा. उनका दावा था कि जेलर धीरज कुमार बाथरूम में फिसल गए और उनका पांव टूट गया. लेकिन मामला प्रकाश में आने के बाद आईजी जेल शरद कुलश्रेष्ठ खुद रायबरेली जेल पहुंच गए. और उन्होंने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
जेल अधीक्षक अमिता दुबे का कहना है कि हमला करने वाले कैदियों के खिलाफ जेलर और घायल सिपाहियों की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है.