मुंबई में बार डांसर रह चुकी एक महिला को पुणे पुलिस के एंटी नारकोटिक्स दल ने ड्रग सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार किया है. 30 साल की इस महिला का कहना है कि पिछले तीन महीने से उसके पास कोई काम नहीं था, इसीलिए उसने ड्रग्स की खेप पहुंचाने का रास्ता चुना. महिला के साथ उसके एक सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से मेफेड्रोन ड्रग जब्त की गई जिसकी कीमत 3.3 लाख रुपए बताई गई है.
शुरुआती जांच के दौरान गिरफ्तार महिला हेमा ने बताया कि “लॉकडाउन अवधि में कोई काम नहीं होने की वजह से वो पैसे-पैसे को मोहताज हो गई थी. लॉकडाउन की बंदिशें कम हुईं तो मुझे पुणे ड्रग की खेप पहुंचाने के लिए कहा गया. मुझे एक आदमी के साथ रहने का नाटक करने को भी कहा गया जिससे किसी को शक न हो.”
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पुणे में शनिवार शाम को नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी के पास पुलिस गश्त के दौरान महिला और उसके सहयोगी को सदानंद होटल की ओर जाते हुए देखा गया. पुलिस को शक होने पर दोनों से पूछताछ की गई तो वो संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. इन दोनों की पहचान विवेक तुलसीराम लुल्ला (43) और हेमा किशनलाल सिंह (30) के तौर पर हुई. दोनों ने बताया कि उन्होंने नवी मुंबई से पुणे तक टैक्सी से यात्रा की नेशनल इंश्योरेंस अकादमी के ठीक पहले उतर गए. दोनों शहर में मेफेड्रोन की अवैध खेप पहुंचाने के लिए आए थे.
एंटी नारकोटिक्स शाखा के अतिरिक्त सीपी अशोक मोराले और डीसीपी बच्चन सिंह के निर्देशों पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया. NDPS एक्ट की धारा 8, 21, 22 और 29 के तहत केस दर्ज किया गया है. एंटी नारकोटिक्स शाखा में पुलिस निरीक्षक विजय टिकोले में एक एएसआई, 2 कांस्टेबल और एक महिला कॉन्स्टेबल शामिल थे जिन्होंने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. आरोपियों को रविवार को अवकाश अदालत में पेश किया गया. दोनों को 2 दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया गया.
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पुलिस इनसे पूछताछ के जरिए ड्रग पैडलिंग गैंग के किंगपिन तक पहुंचना चाहती है. जांच अधिकारी विजय टिकोले के मुताबिक आरोपी महिला ने कबूल किया कि वो पिछले 3-4 महीनों से ड्रग पैडलिंग से जुड़े लोगों के संपर्क में थी. पुलिस पूछताछ में ये भी पता लगाने की कोशिश करेगी कि पुणे में ड्रग की खेप कहां पहुंचाई जानी थी. उस टैक्सी ड्राइवर से पूछताछ की जाएगी जो इन दोनों आरोपियों को पुणे लेकर आया. दोनों आरोपियों की मोबाइल कॉल रिपोर्ट भी खंगाली जा रही है. पुणे में हाल में ये मेफेड्रोन की जब्ती का तीसरा मामला है.