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पुणे: चिटफंड घोटाले के आरोपी उद्योगपति कुलकर्णी पत्नी सहित फरार

पुणे के मशहूर बिल्डर और उद्योगति कुलकर्णी और उनकी पत्नी के खिलाफ करीब 3,000 डेपोजिटर्स का करीब 189 करोड़ रुपये हड़पने का मामला दर्ज किया गया है.

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डीेस कुलकर्णी पर करीब 200 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है
डीेस कुलकर्णी पर करीब 200 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है

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हजारों निवेशकों का करीब 200 करोड़ रुपये हड़पने के आरोपी DSK बिल्डर्स के मालिक डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंती कुलकर्णी की अग्रिम जमानत याचिका स्वतः रद्द होने के बाद फरार चल रहे हैं. पुलिस ने उन्हें वांटेड करार दिया है और कहा है कि उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.

ACP मिलिंद पाटिल ने आजतक से बातचीत के दौरान बताया कि पुणे पुलिस की चार टीम डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी की तलाश में निकल चुकी है. पुलिस को उनके खुफिया सूत्रों से दोनों की हर लोकेशन की जानकारी लगातार मिल रही है.

मिलिंद पाटिल के मुताबिक दोनों पति-पत्नी एक जगह पर ज्यादा समय नहीं बिता रहे हैं और लगातार जगह और मोबाइल बदलते जा रहे हैं. लेकिन पुलिस को विश्वास है के उनकी टीम दोनों आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लेगी.

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गौरतलब है कि पुणे के मशहूर बिल्डर और उद्योगति कुलकर्णी और उनकी पत्नी के खिलाफ करीब 3,000 डेपोजिटर्स का करीब 189 करोड़ रुपये हड़पने का मामला दर्ज किया गया है. 24 नवंबर को मुंबई हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए डीएस कुलकर्णी को 15 दिन के भीतर 50 करोड़ रुपये अदालत में जमा करने का आदेश दिया था.

ACP पाटिल ने बताया कि चूंकि डीएस कुलकर्णी ने यह रकम हाई कोर्ट में जमा नहीं करवाई, इसलिए उनकी अंतरिम जमानत स्वतः रद्द हो गई. गौरतलब है कि डीएस कुलकर्णी के पास जिन डिपोजिटर्स की गाढ़ी कमाई डिपॉजिट्स के रूप में रखी है, उनमें अधिकतर वरिष्ठ नागरिक हैं.

इन सीनियर सिटिजन निवेशकों ने अपने रिटायरमेंट के बाद प्रॉविडेंट फंड का आया हुआ पैसा DSK बिल्डर्स में डिपॉजिट किया है. ये निवेशक इन डिपॉजिट्स पर मिलने वाले ब्याज से रिटायर होने के बाद अपनी दैनिक जरूरते पूरी कर रहे थे. लेकिन पिछले एक डेढ़ साल से इन बुजुर्ग निवेशकों को उनका ब्याज तक नहीं दिया जा रहा , जिससे उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी के खिलाफ IPC की धारा 406, 420, 409, 120बी औरर धारा 34 के तहत केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा उनके खिलाफ महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिट्स ऐक्ट और चिट एंड मनी सर्कुलेशन बैनिंग ऐक्ट के तहत भी केस दर्ज किए गए हैं. पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी पती-पत्नी अंडरग्राउंड हो गए हैं.

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