पंजाब के खरड़ में पुलिस ने एक ऐसी शातिर महिला को गिरफ्तार किया है, जो खुद को आईपीएस अफसर बताकर सरकारी सुविधाएं हासिल करने की कोशिश कर रही थी. उस महिला ने एसपी के मोबाइल फोन पर कॉल करके खुद को दिल्ली की आईपीएस बताया और गाड़ी की मांग की. मगर इसी बीच पुलिस को उसके बारे में पता चल गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपी महिला का नाम तनिष्का सांगवान है. वह दिल्ली के वसंत कुज की रहने वाली है. जबकि उसके साथ पकड़ा गया तरुण शर्मा नामक युवक खरड़ का ही रहने वाला है. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
पुलिस के मुताबिक एसएसपी ऑफिस में तैनात पुलिस अधीक्षक के मोबाइल पर एक कॉल आई. फोन करने वाली एक महिला थी. जिसने खुद को आईपीएस अफसर बताते हुए दिल्ली के नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में तैनात होने की बात कही. फिर महिला ने एसपी से कहा कि उसे संगरूर इलाके में छापेमारी करनी है, लिहाजा उसे एक सरकारी गाड़ी की ज़रूरत है.
महिला का अंदाज और आत्मविश्वास देखकर एसपी ने भी उसके पास पुलिस की सरकारी गाड़ी भिजवा दी. इसी बीच खरड़ पुलिस को पता चला कि एक महिला अपने साथी के साथ मिलकर लोगों के साथ ठगी कर रही है. लिहाजा जब पुलिस वाले सरकारी वाहन लेकर उस महिला के पास पहुंचे तो उन्होंने माफी मांगते हुए महिला से उसका आईकार्ड मांग लिया.
बस इसी बात पर वो महिला भड़क गई और पुलिसवालों को धमकाने लगी. पुलिसवालों को यकीन हो गया कि ये वही महिला और उसका साथी है, जो लोगों से ठगी कर रहे हैं. लिहाजा पुलिस ने उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 170 और 511 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
पूछताछ में पुलिस को पता चला कि 28 वर्षीय तनिष्का ने 2015-16 में आईपीएस की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिया था. लेकिन वो परीक्षा पास नहीं कर पाई थी. लेकिन वो खुद को आईपीएस बताने लगी. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि तनिष्का यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन फॉर रिफ्यूजी के साथ काम कर चुकी है. इस दौरान वह 2012 से लेकर 2015 तक अफगानिस्तान, इस्तांबुल और मलेशिया में रही.
2015 में उसने नौकरी छोड़ दी थी. अब वह तरुण के साथ वह शादी करने वाली है. वो उसी के साथ पंजाब घूमने आई हुई थी. वह खरड़ में तरुण के घर पर ही ठहरी हुई थी. फिलहाल, कोर्ट ने तनिष्का और तरुण को पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.