कानपुर रेल हादसे में ट्रेन की पटरी को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रेशर कुकर का इस्तेमाल किया गया था. घटना के आरोपी मोती लाल पासवान ने यह खुलासा किया है. पासवान ने बताया कि उसने 7 अन्य लोगों के साथ मिलकर दो बार कानपुर के पास रेल पटरी को नुकसान पहुंचाया था.
मोती लाल पासवान ने पूछताछ में बताया कि 10 लीटर के एक प्रेशर कुकर में विस्फोटक भरकर आईईडी तैयार किया गया था. पासवान के खुलासे से खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. पासवान के बयान की तस्दीक की जा रही है. इसके लिए पुखराया और रूरा में एक बार फिर फोरेंसिक टीम जांच करेगी.
टीम घटनास्थल पर विस्फोटक के इस्तेमाल के बारे में पता लगाने की कोशिश करेगी. मोती पासवान के मुताबिक इस घटना का मास्टरमाइंड ब्रज किशोर गिरि है और वहीं 7 लोगों की टीम को लीड कर रहा था. बताते चलें कि गिरि को हत्या के आरोप में नेपाल में गिरफ्तार किया गया है.
गिरि का काठमांडू स्थित अस्पताल में इलाज जारी है. जांच टीम घटना में गिरि की संलिप्तता की भी जांच कर रही है. साथ ही अन्य 6 आरोपियों (जिनमें से मोती पासवान ने दो युवकों को ही पहचानने की बात कही है) की तलाश जारी है. बता दें कि कानपुर रेल हादसे के आरोपी मोती लाल पासवान को बिहार के मोतीहारी से गिरफ्तार किया गया.
गौरतलब है कि यूपी के डीजीपी जावीद अहमद कानपुर रेल हादसे की जांच में जरा भी कोताही नहीं बरतना चाहते हैं, लिहाजा आईजी एटीएस और आईजी रेलवे को गुरुवार को मोतीहारी भेजा गया. फिलहाल यूपी पुलिस और तमाम जांच एजेंसियां इस रेल हादसे की जांच में जुटी हैं, ताकि जल्द से जल्द घटना से जुड़े सच सामने आ सकें.
कानपुर रेल हादसे के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ माना जा रहा है. गौरतलब है कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस का 20 नवंबर को कानपुर के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास एक्सीडेंट हो गया था. इस हादसे में करीब 150 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
बताया जाता है कि इस पूरे रैकेट के पीछे दुबई में बैठा एक शख्स है, जो भारत में तबाही के लिए नेपाल के भाड़े के टट्टुओं का इस्तेमाल कर रहा है. उसका नाम शमसुल होदा बताया जा रहा है जो पाक की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा हुआ है.
वहीं संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद मिल रहे इनपुट के बाद यूपी एटीएस भी बेहद चौकन्ना हो गई है. मोतीलाल पासवान के साथ-साथ दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था. माना जा रहा है कि इस गिरोह ने कानपुर जैसी ही घटना को रक्सौल-दरभंगा रेल लाइन पर भी अंजाम देने की कोशिश की थी.