राजस्थान के अलवर के स्थानीय कोर्ट में चल रहे फलाहारी बाबा रेप केस में फैसला बुधवार को आएगा. अरावली विहार थाना क्षेत्र के अंतर्गत काला कुआं क्षेत्र के रामकिशन कोलोनी स्थित फलाहारी बाबा के आश्रम में एक शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले में फंसे फलाहारी बाबा यौन शोषण मामले में एडीजेएम कोर्ट फैसला सुनाएगा.
कोर्ट ने मंगलवार को फलाहारी बाबा के बचाव पक्ष के वकीलों की ओर से अंतिम बहस पूरी होने के बाद बुधवार को फैसले का दिन निर्धारित किया है.
अलवर के फलाहारी बाबा रेप प्रकरण के मामले में मंगलवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या एक राजेंद्र शर्मा की अदालत में दोनों पक्षों की ओर से अंतिम बहस पूरी हो गई. कोर्ट में सरकारी वकील योगेंद्र खटाना ने पीड़िता के पक्ष में बहस की थी जिसमें सरकारी वकील में 376/2 (च) और 506 आईपीसी में जुर्म प्रमाणित बताते हुए दोषी को सजा देने की मांग की गई.
कोर्ट में सरकारी वकील योगेंद्र सिंह खटाना ने बहस करते हुए कहा कि पीड़िता आरोपी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा को पिता तुल्य मानती थी और उसकी ओर से जो कृत्य किया गया है उसके पर्याप्त साक्ष्य और गवाह मौजूद हैं.
उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष की अंतिम बहस में न्यायालय में निवेदन किया गया है कि आरोपी के खिलाफ धारा 376/2 (च) और 506 आईपीसी के तहत अपराध बखूबी प्रमाणित है. ऐसे में पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों, तथ्य और गवाहों के आधार पर आरोपी के विरुद्ध दोनों धाराओं के अंतर्गत जुर्म बखूबी प्रमाणित होता है.
84 दिन बाद चार्जशीट फाइल
ऐसी स्थिति में पीड़िता आरोपी को पितातुल्य संरक्षक और भगवान मानती थी और इंटर्नशिप के लिए जो चेक मिला था उसे अपने भगवान स्वरूप बाबा फलाहारी को सौंपने के लिए आई थी लेकिन बाबा ने उसके साथ जो कृत्य किया उन्हें अधिक से अधिक सजा दी जानी चाहिए.
इस मामले में 9 मार्च 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के बयान दर्ज हुए थे. अलवर के अरावली विहार थाना पुलिस ने फलाहारी बाबा के द्वारा विलासपुर की युवती से रेप किए जाने के मामले में 15 दिसंबर 2017 को 84 दिन बाद एसीजेएम कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी थी. पुलिस ने कोर्ट में 40 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी, जिसमें पुलिस ने बाबा को दोषी मानते हुए धारा 506 और 376 (2 एफ) के तहत आरोप लगाए हैं.
11 सितंबर 2017 को बिलासपुर की 21 वर्षीय पीड़िता ने छत्तीसगढ़ के महिला थाना में 0 नंबर एफआईआर दर्ज करवाई थी और बाबा के खिलाफ रेप का आरोप लगाया था. छत्तीसगढ़ पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज करने के बाद पीड़िता का मेडिकल और 164 के बयान दर्ज कर फर्द रिपोर्ट बना कर अलवर पुलिस को फाइल भिजवा दी थी जिसके बाद अलवर पुलिस ने अरावली विहार थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
इसी दौरान फलाहारी बाबा बीमारी का बहाना बना कर एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया था जहां डॉक्टरों के द्वारा उसको फिट घोषित किए जाने के बाद पुलिस ने 23 सितंबर को अस्पताल से गिरफ्तार कर एसीजेएम कोर्ट 3 में पेश किया और कोर्ट ने बाबा को 16 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. तभी से बाबा न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है.