राजस्थान के जयपुर में बलात्कार पीड़िता के थाने में आत्मदाह करने के मामले में बुधवार को सामाजिक और महिला संगठनों ने अपना विरोध दर्ज कराया. 24 सामाजिक और महिला संगठनों ने अंबेडकर सर्किल पर धरना देकर विरोध जताया. साथ ही दोषी थाना अधिकारी पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की.
महिला संगठनों ने कहा कि इस मामले में सरकार ढिलाई कर रही है, जिसकी वजह से गलत संदेश जा रहा है. राजस्थान में बलात्कार के बढ़ते मामलों पर भी महिला संगठनों ने चिंता जताते हुए कहा, 'राज्य भर में आए दिन बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं .कानून बनाना इसकी समस्या नहीं है, बल्कि सरकार पुलिस पर भी अंकुश लगाए तभी जाकर पीड़ितों को मदद मिल पाएगी और इससे बलात्कार करने वाले अपराधियों के मन में डर पैदा हो पाएगा.'
महिला संगठनों ने उन्नाव रेप पीड़िता के लिए भी दोषी विधायक की गिरफ्तारी की मांग की. इसके अलावा महिला संगठनों ने सरकार के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें महिला सुरक्षा के लिए कदम उठाने के लिए सरकार से मांग की गई है.
पीयूसीएल की कविता श्रीवास्तव ने इस मामले पर कहा, 'सरकार महिला अपराध के प्रति गंभीर नहीं है, जिसकी वजह से जोरू थानागाजी जैसे गंभीर मामलों में पुलिस लापरवाही बरतती है और जयपुर में तो बलात्कार पीड़िता को इंसाफ नहीं मिलने से जान देनी पड़ गई. सरकार को तत्काल थाना अधिकारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और बलात्कार पीड़िता के साथ बदतमीजी करने के लिए मुकदमा दर्ज करना चाहिए.'
उधर इस मामले में थानाधिकारी संजय गोदारा के सस्पेंड होने के बाद केस को थाने से सीआईडी में रेफर कर दिया गया है जहां पर एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी पूरे मामले की जांच करेंगे. थाना अधिकारी और दूसरे पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी.
आत्महत्या करने वाली बलात्कार पीड़िता के पति ने डिप्टी एसपी राय सिंह बेनीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हालांकि, सरकार ने अभी तक बेनीवाल पर कोई कार्रवाई नहीं की है.