राजस्थान के जयपुर में बलात्कार के जिस मामले की जांच करवाने के लिए रेप पीड़िता ने थाने में जान दी, उसकी जांच पुलिस ने आठ घंटे के अंदर ही पूरी कर ली. इस जांच में पुलिस ने मृतक रेप पीड़िता को ही बदनाम करते हुए सारा दोष उसी के मत्थे मढ़ दिया. खास बात यह है कि पुलिस ने अपनी जान बचाने के लिए हड़बड़ी में प्रेस नोट जारी किया, जिसमें बलात्कार पीड़िता का नाम तक लिख दिया. पुलिस ने इस मामले में एसएचओ संजय गोदारा को सस्पेंड कर दिया है.
पीड़िता की तरफ से दर्ज की गई पूरी एफआईआर का जिक्र करते हुए पुलिस ने पहले तो लिखा कि इसमें अनुसंधान जारी है और उसके नीचे पीड़िता के ऊपर ही आरोपों की झड़ी लगा दी. एक तरफ तो पुलिस कह रही है कि अभी मामले की जांच की जा रही है, दूसरी तरफ पुलिस ने लिखा है कि पीड़िता अपनी मर्जी के साथ आरोपी के साथ रह रही थी और उन दोनों के बीच आपसी संबंध सहमति से बन रहे थे.
दो पेज लंबे प्रेस नोट में पुलिस ने जांच से पहले ही महिला का पूरा चरित्र हनन कर दिया है. थाने में खुदकुशी करने से पहले महिला ने यही आरोप लगाया था कि पुलिस उसे थाने में चरित्रहीन बताती है, उसी के ऊपर आरोप लगाती है और जांच नहीं कर रही है. मगर पुलिस ने मरने के बाद भी उसके साथ वही किया जिसका आरोप लगाकर वह मरी. पीड़िता के पति ने कहा कि दाह संस्कार के बाद मामले की जांच कर रहे एसएचओ संजय गोदारा और डिप्टी एसपी राय सिंह बेनीवाल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज करवाएगा. पीड़िता के पति ने कहा कि पुलिस बार बार पहले भी यही करती थी कि पीड़िता चार साल कहां थी.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने तय किया है कि उसकी एक टीम जयपुर जाएगी और मामले की पूरी छानबीन करेगी. मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम मंगलवार को जयपुर के वैशाली नगर थाने आएगी. साथ ही पुलिस ने बलात्कार के आरोपी रविंद्र सिंह को हिरासत में ले लिया है.
विरोध में बंद
थाने में बलात्कार पीड़िता की मौत के मामले में जयपुर शहर के वैशाली नगर झोटवाड़ा का इलाका लोगों ने मंगलवार को बंद रखा है. थाने के बाहर भी व्यापार मंडल और सामाजिक संगठनों के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका आरोप है कि पुलिस की लापरवाही की वजह से महिला को जान देना पड़ा है. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि वैशाली नगर थाने में अक्सर फरियादियों के साथ ऐसा ही होता है. थाना अधिकारी को हटाए जाने की बजाय अगर बर्खास्त नहीं किया गया तो वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
इस बीच बीजेपी ने पीड़ित महिला का नाम उजागर करने और उसको बदनाम करने को लेकर सरकार और पुलिस पर हमला बोला. बीजेपी ने जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को हटाने की मांग की. पृथ्वी सरकार ने मंगलवार को वैशाली नगर थाना के एसएचओ संजय गोदारा को हटाते हुए मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी.