राजस्थान जीआरपी ने एक अंर्तराष्ट्रीय तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस सूबे के फरार तस्कर अनुराग तिवारी के ठिकानों पर छापा मारकर लगभग 150 करोड़ के वन्यजीवों और एंटीक समानों की तस्करी का खुलासा किया है. पुलिस ने इस काम में आर्केलोजिकल सर्वे आफ इंडिया की मदद भी ली है.
फ्लैट पर छापा
जयपुर शहर के पॉश इलाके का एक अपार्टमेंट. जहां बंद पड़े एक फ्लैट पर पुलिस ने छापा मारा. पुलिस के साथ भारतीय पुरातत्व विभाग यानी एएसआई की एक टीम भी थी. फ्लैट के हर कमरे में पैक हुआ सामान रखा था. जब एक एक कर सामान खोला गया तो एएसआई और पुलिस टीम की आंखें फटी की फटी रह गई.
दुर्लभ सामान का भंडार
दरअसल, उस फ्लैट के हर कमरे में हांथी दांत, गेंडे के सींग, 15वीं सदी के हथियार और बेशकिमती पेंटिग्स का जखीरा भरा पड़ा था. वहां एक कमरे में हाथी दांत से बने 1000 से ज्यादा आइटम मौजूद थे. पुलिस ने वहां से ब्लैकबक के सींग, बाघ के नाखून, दांत और छाल भी बरामद किए.
150 करोड़ रुपये है कीमत
वो फ्लैट है पुलिस के चंगुल से फरार हुए अंर्तराष्ट्रीय तस्कर अनुराग तिवारी का. जयपुर में शहर में ऐसे पांच फ्लैट हैं जो अनुराग तिवारी के गोदाम हैं. जहां दुनिया भर के अजायबघरों से चुराया गया बेशकिमती सामान रखा हुआ है. पुलिस का कहना है कि अनुराग के ठिकानों से बरामद हुए सामान की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये तक हो सकती है.
म्यूजियम और हवेली बने निशाना
पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश ने बताया कि पुलिस ने हाल ही में शातिर तस्कर अनुराग तिवारी के इस अंर्तराष्ट्रीय तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह का निशाना बने थे दुनिया भर के म्यूजियम. यह गिरोह पुरानी हवेलियों से भी बेशकिमती सामान चुराकर देश-विदेश में बेचता था.
जीआरपी के हाथ आया था एक तस्कर
इस गिरोह का खुलासा राजस्थान की राजकीय रेलवे पुलिस यानी जीआरपी ने किया. जीआरपी ने जयपुर स्टेशन पर कुछ दिन पहले ही शंकर नाम के एक व्यक्ति को गेंडे के सींग के साथ गिरफ्तार किया था. जब उस गेंडे के सींग की डीएनए कराया गया तो पता चला कि यह सींग उस गेंडे का है, जिसकी प्रजाति अफ्रिका में 50 साल पहले खत्म हो चुकी है.
पूछताछ में हुआ खुलासा
शंकर से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि इस अंर्तराष्ट्रीय गिरोह का सरगना अनुराग तिवारी है. लेकिन उसे शंकर के पकड़े जाने की भनक लग चुकी थी. लिहाजा वो शहर छोड़कर फरार हो गया. शंकर की निशानदेही पर पुलिस और एएसएई ने उसके ठिकानों पर छापे मारकर करोड़ों रुपये का बेशकिमती सामान बरामद किया है.
डीएनए के लिए भेजे नमूने
जीआरपी को भी अंदाजा नहीं था कि उनके हाथ आया शंकर इतने काम का आदमी साबित होगा. पुलिस अभी तक इस गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. एसपी ओमप्रकाश ने बताया कि एएसआई की टीम अगले तीन दिनों तक अनुराग के ठिकानों से बरामद हुए दुर्लभ सामान की सूची बनाकर डीएनए के लिए भेजेगी.
जारी है पूछताछ
एसपी ने बताया कि पकड़े गए लोगों से लगातार पूछताछ की जा रही है. साथ ही दुनिया भर के म्यूजियम्स को बरामद हुए सामान की तस्वीरें भेजी जाएंगी ताकि चोरी के मामलों का पता चल सके. फिलहाल इस मामले में जांच पड़ताल चल रही है.