राजस्थान के राजसमंद में लव जिहाद के नाम पर क्रूर तरीके से हत्या कर वीडियो बनाने के मामले ने सनसनी मचा दी है. लेकिन इस मामले में कुछ ऐसे तथ्य हाथ लगे हैं, जिनसे लग रहा है कि इस हत्याकांड के पीछे आरोपी के अलावा कुछ और लोगों की साजिश थी. आरोपी ने मृतक की लाश के पास जो 3 पेज का नोट छोड़ा है, वह रोमन लिपी में है, जबकि आरोपी सिर्फ 10वीं तक शिक्षित है.
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कुछ लोग आरोपी शंभू दयाल रैगर के दिमाग में लव जिहाद का जहर भर रहे थे. और क्या हत्या के बाद नोट लिखने में क्या किसी ने फोन पर उसे डिक्टेट किया. पुलिस ने खुद माना है पिछले 2 सालों से वह कट्टरपंथी हिंदू साहित्य पढ़ रहा था और कुछ लोगों के संपर्क में था, जिनसे वह इस तरह की सामग्री लेता था. इस अवधि में आरोपी को कुछ लोग इस तरह के लव जिहाद और हिंदू राष्ट्र से साहित्य उपलब्ध करवा रहे थे. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन लौग थे, जिन्होंने शंभू दयाल के दिमाग में इतनी नफरत भर दी.
पुलिस का कहना है कि हिंदू राष्ट्र, लव जिहाद, आरक्षण और पद्मावती तथा PK जैसी फिल्मों के जरिए उसके दिमाग में यह सारा जहर भरा गया. उसे हिंदु एकता के नाम पर भड़काया गया. वह खुद दलित था, लेकिन हिंदू एकता के नाम पर आरक्षण के खिलाफ था. दलित आरक्षण के खिलाफ उसकी लिखी बातें भी मिली हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि वह किन लोगों के संपर्क में था, जिन्होंने उसे बरगलाया और कट्टरपंथ के रास्ते पर धकेल दिया.
पास पड़ोस के लोगों का भी कहना है कि पुलिस का कहना है कि वह नियमित रूप से कुछ हिंदू संगठनों के संपर्क में था और दिन भर इसी तरह के वीडियो देखता रहता था. पुलिस को आरोपी के पास से ऐसे बहुत सारे YouTube वीडियो, ढेर सारे चैनलों के न्यूज फुटेज भी मिले हैं, जो हिंदू-मुसलमान विवाद को लेकर थे. पुलिस का कहना है कि वह जिस मानसिक स्थिति में रहने लगा था, उसे मोहम्मद भट्ट शेख कि जगह कोई भी मुस्लिम व्यक्ति मिलता, उसी को मार डालता. हालांकि पुलिस ने उसके किसी हिंदू संगठन से जुड़े होने की पुष्टि नहीं की है.
उसके दिमाग में लव जिहाद का डर इतना पैठ चुका था कि अपनी 13 साल की बेटी को लेकर भी डरा रहता था और उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहता था. उसे लगता था कि कोई उसकी बेटी को उठा ले जाएगा. यह बात भी सामने आई है कि 2 साल पहले वह पश्चिम बंगाल गया था अपने मोहल्ले से गायब एक लड़की को लाने के लिए. यह बात उसने मोहल्ले वालों को बताई थी कि वह लड़की को लाने गया था, मगर लड़की ने आने से इनकार करते हुए उसे वापस भेज दिया था और बताया था कि उसकी जान को खतरा हो सकता है.
जानकारी के मुताबिक, बीते 2 सालों से वह कोई काम नहीं कर रहा था. जिस महिला से संपर्क में था उसे रखा था उससे वो एक लाख रूपए उधार ले रखा था जो ये नही लौटा रहा था. उसके पैसे मांगती थी तो वो अफराजुल से मिले होने का आरोप लगा था. घरवालों को कहना है पिछले 2 सालों से कोई काम नहीं कर रहा था पहले PWD विभाग में ठेकेदारी करता था. उसके बाद किशनगढ़ से मार्बल लाकर उसका कारोबार करने लगा. लेकिन थोड़े दिन बाद वह भी काम बंद कर दिया. वह अकेले ही जाता था और देर रात तक लौटता था.
शंभू दयाल के माता-पिता गुजरात के आणंद में रहते हैं, जबकि घर पर वह अपनी पत्नी, 16 साल और 13 साल की दो बेटियों और 11 साल के एक बेटे के साथ रहता है. उसकी 13 साल की छोटी बेटी मानसिक रूप से कमजोर है. हालांकि शंभू को घरवालों या कहना है कि अगर उसने अपराध किया है तो सजा मिलेगी, वे उसका बचाव नहीं करेंगे.
वहीं राजस्थान के DGP का कहना है राज्य की कानून व्यवस्था और फिजा को किसी को बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी. DGP का यह बयान साफ संकेत कर रहा है कि पुलिस के पास ऐसी सूचना है कि आरोपी के दिमाग में यह सारा जहर भरने के पीछे कुछ लोगों का हाथ हैं. पुलिस ने आशंका जताई है कि मौके पर 2 लोगों से ज्यादा लोग थे. हालांकि पुलिस अभी सारे खुलासे नहीं करना चाहती. पुलिस ने यह भी नहीं बताया है कि वीडियो बना रहा आरोपी का भांजा साजिश में शामिल था या नहीं.