राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों के खरीद-फरोख्त के मामले में शुक्रवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जयपुर में मुकदमा दर्ज कर लिया है. यह मुकदमा कांग्रेस के सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर एसओजी ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया है. इसमें कांग्रेस विधायकों को प्रलोभन देने और खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया गया है.
राज्यसभा चुनाव से पहले 9 जून को सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने राजस्थान के डीजीपी और एंटी करप्शन ब्यूरो को यह शिकायत दी थी कि सूबे में सरकार को अस्थिर करने की साजिश चल रही है और दिल्ली से विधायकों से संपर्क कर उनको प्रलोभन दिया जा रहा है. इसके बाद मामला एटीएस के पास चला गया था, मगर गुरुवार को अचानक पूरे शहर में शाम को नाकाबंदी कराई गई और कहा गया कि पैसे के ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
क्या कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए शुरू हुई कार्रवाई?
इस मुकदमे को इस बात से जोड़कर देखा जा रहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द से जल्द इस मामले में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में कुछ फैसला चाहते हैं. हो सकता है कि आलाकमान के ऊपर दबाव बनाने के लिए यह कार्रवाई शुरू की गई हो.
इस मामले में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी का कहना है कि हमें जो भी जानकारी देनी थी, वो हमने एसओजी को दे दी है और अब पुलिस के ऊपर है कि इस मामले की जांच करें. इसी के चलते इतने लंबे समय तक कांग्रेस के विधायकों को फाइव स्टार होटल में रखा गया था और अब राज्यसभा चुनाव के बाद जब इस मामले में कोई जांच नहीं हो रही थी, तो इसे लेकर सरकार पर भी सवाल उठ रहे थे.
एसओजी चीफ बोले- जरूरत पड़ी, तो विधायकों से होगी पूछताछ
वहीं, इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद एसओजी के मुखिया अशोक राठौड़ ने बताया कि हमारे पास दो मोबाइल कॉल की रिकॉर्डिंग आई है. इसमें दो व्यक्ति आपस में बातचीत कर रहे हैं कि हमारी पसंद का मुख्यमंत्री नहीं है, इसे बदलना होगा. इसकी सच्चाई तक हम जाएंगे और जरूरत पड़ी, तो विधायकों से भी पूछताछ करेंगे.
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