राजस्थान के बजरी परिवहन में शामिल लोगों के साथ हुई मुठभेड़ मामले में दो पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. दोनों पुलिसकर्मियों को भरतपुर रेंज आईजी लक्ष्मण गौड़ ने निलंबित कर दिया है. उन्होंने मुठभेड़ मामले में बसई डांग थाना के एसएचओ हीरा सिंह और कॉन्स्टेबल रूपेंद्र सिंह को निलंबित किया है.
दरअसल, 30 अगस्त को बसई डांग थाना इलाके में पुलिस की बजरी परिवहन में शामिल लोगों के साथ मुठभेड़ हो गई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी और सात लोग घायल हो गए थे. इन घायलों में दो पुलिस कॉन्स्टेबल भी शामिल हैं.
30 अगस्त को हुई मुठभेड़ के बाद धौलपुर के अस्पताल में भारी-भीड़ जुट गई थी और तनाव का माहौल बन गया था, जिसकी वजह से भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात करना पड़ा था. मामले की गंभीरता को देखते हुए भरतपुर रेंज के आईजी लक्ष्मण सिंह गौड़ भी धौलपुर पहुंच गए थे.
आईजी लक्ष्मण सिंह गौड़ ने बताया था कि बसई डांग थाना पुलिस को रेत के अवैध परिवहन के संबंध में सूचना मिली थी. इस पर पुलिस टीम बजरी माफियाओं को रोकने के लिए पहुंची थी. इस दौरान पुलिस और बजरी माफियाओं के बीच भिड़ंत हो गई और दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी.
गौड़ ने बताया कि रेत तस्करी करने वाले कथित माफियाओं में दो लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 5 लोग घायल हैं. घायल 3 लोगों का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है. उधर, पुलिस टीम के दो कांस्टेबल को भी गोली लगी है. एक पुलिसकर्मी के पैर में भी चोट आई है. इस पूरे घटनाक्रम की पुलिस जांच की जा रही है. जांच के बाद जो भी सच्चाई सामने आएगी, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
मृतकों के परिजनों से मिले सचिन पायलट
दूसरी ओर धौलपुर में हुई मुठभेड़ को लेकर राजनीति शुरू हो गई. इस घटना के बाद राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट धौलपुर पहुंचे और मृतकों के परिवार से मुलाकात की. इस दौरान पायलट ने मामले की जांच कराने की बात कही.
वसूली के इरादे से पुलिस कर रही थी कार्रवाई: BJP
वहीं, बीजेपी ने धौलपुर में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई. बीजेपी का आरोप है कि पुलिस बजरी परिवहन में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई वसूली के इरादे से कर रही थी. बीजेपी नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का आरोप है कि डीजीपी के आदेशों के मुताबिक पुलिस अकेले बजरी परिहवन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है. इसकी जिम्मेदारी वन विभाग, खनिज विभाग और एसपी को दी गई है.