राजस्थान के राजसमंद में लव जिहाद के नाम पर एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या करने वाले शंभूलाल रैगर के समर्थन में उदयपुर का माहौल बिगड़ने लगा है. शंभुलाल के समर्थन में गुरुवार को बड़ी संख्या में उपद्रवियों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए रैली निकालने की कोशिश, जिसे रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. 200 के करीब उपद्रवी गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
इधर जयपुर में भी शंभुलाल के पक्ष में रैली निकालने की धमकी देने वाले शिव सेना हिंदुस्तान के महासचिव लखन सिंह पंवार और उत्तर प्रदेश के हिंदूवादी संगठन के नेता उपदेश राणा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने शुरू में सोशल मीडिया पर रैली के आह्वान को गंभीरता से नहीं लिया. प्रशासन को जरा भी उम्मीद नहीं थी कि बर्बर हत्यारे शंभूलाल के समर्थन में भी लोग आ सकते हैं. लेकिन गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के दूसरे जिलों से बड़ी संख्या में लोग उदयपुर में इकट्ठा होने लगे.
राजसमंद के SP राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि दूसरे राज्यों और दूसरे जिलों से आए हुए लोगों ने आकर माहौल खराब किया. स्थानीय संगठनों से लगातार बातचीत की जा रही थी और सब ने शांति की अपील की थी. इस बीच आज माहौल नहीं बिगड़े इसलिए करीब 1500 पुलिसकर्मियों को शहर में तैनात किया गया है. उपद्रवियों से झड़प के दौरान एडिशनल SP सहित 31 जवान घायल हुए हैं, जबकि 4 सिपाहियों को गंभीर चोटें आई हैं.
इंटेलिजेंस एजेंसियां रहीं नाकाम
उदयपुर में हत्याकांड के आरोपी शंभूलाल के समर्थन में जिस तरह लोग इकट्ठा हुए उसे इंटेलिजेंस की नाकामी के तौर पर देखा जा रहा है. जिस तरह डंडे और पत्थरों से लैस होकर लोग इकट्ठा हुए और एक बर्बर हत्यारे के समर्थन में इतनी बड़ी संख्या में जुट गए, उसकी पुलिस को भनक तक नहीं लगी.
सोशल मीडिया पर अफराजुल की हत्या कर जिंदा जलाने वाले शंभुलाल के समर्थन में रैली निकालने की आह्वान किया गया था, जिसे देखते हुए प्रशासन ने एक दिन पहले से ही उदयपुर में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी. लेकिन उपद्रवी नहीं माने. उपद्रवी गुरुवार की सुबह से ही उदयपुर के टाउन हॉल में इकट्ठा होने लगे थे.
पुलिस ने उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पहले हल्का बल प्रयोग किया. लेकिन शाम तक दोबारा उपद्रवी कोर्ट परिसर के अंदर घुसकर नारेबाजी करने लगे. कोर्ट परिसर में इकट्ठा उपद्रवियों को जब हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया तो उपद्रवी पुलिस से ही भीड़ गए. जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
हत्यारोपी की पत्नी को भेजे गए लाखों रुपये
शंभूलाल रैगर की पत्नी को आर्थिक मदद मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. पुलिस की चेतावनी के बाद भी 516 लोगों ने 2.5 लाख से ज्यादा रुपये उसके बैंक अकाउंट में जमा कर दिए. लेकिन जब पुलिस ने बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया, तो उसके घर पहुंचने लगे.
हिंदू एकता के नाम पर शंभूलाल रेगर के घर जा रहे लोगों में से करीब 40 ने दो लाख से रुपये दिए हैं. पुलिस का कहना है कि आरोपी को आर्थिक मदद देने वाले लोगों की सूची बनाई जा रही है. इस तरह के घिनौने काम करने वाले शंभूलाल रैगर को आर्थिक मदद देने वालों को उसके अपराध के साथ में संलिप्तता में उनको भी दोषी माना जाएगा.
बताते चलें कि लव जिहाद के नाम पर अफराजुल नामक शख्स की बर्बर हत्या के बाद जिंदा जलाने के आरोपी शंभूलाल रेगर के समर्थन में कई लोग सोशल मीडिय पर मुहिम चला रहे हैं. कई लोग शंभूलाल के पक्ष में वीडियो डाल रहे थे. संतोष नामक एक व्यक्ति ने तो शंभू की पत्नी का बैंक डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था.
इसके साथ ही लोगों से शंभू की पत्नी की मदद की अपील की गई. इसको देखकर कई लोगों ने शंभू की पत्नी के अकाउंट में पैसे भेजने शुरू कर दिए. इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने उस बैंक अकाउंट को फ्रिज करवा दिया. पुलिस ने ऐलान किया है कि आरोपी के समर्थन में मुहिम चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस ने इस मामले में अब तक 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. आईटी एक्ट की धारा 84 के तहत वैष्णव चिराग कुमावत, आशीष पालीवाल पुणे, राकेश लड्ढा नवीन के साथ-साथ संतोष कुमार, पिंटू जोशी और कैलाश डांगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इनमें से 3 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.