हरियाणा की रोहतक जेल में 20 साल की सज़ा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के डॉक्टर की ओर से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि जेल में राम रहीम को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जा रही है, ऐसे में उनकी सुरक्षा को बढ़ाया जाए. डेरा सच्चा सौदा के डॉक्टर मोहित गुप्ता की ओर से ये याचिका दायर की गई है.
जेल प्रशासन पर लगाया आरोप
अपनी याचिका में मोहित गुप्ता ने लिखा है कि जेल प्रशासन गुरमीत राम रहीम के साथ सही व्यवहार नहीं कर रहा है. राम रहीम को ना तो किसी से मिलने की इजाजत दी जा रही है, ना ही किसी से फोन पर बात करने दी जा रही है. उन्होंने दावा किया है कि RTI के जरिए उन्होंने जब जेल अधिकारों की जानकारी निकालनी चाहिए, तो वो भी नहीं दी गई.
याचिका में राम रहीम की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े किए गए हैं. इसमें कहा गया है कि वैसे तो जेल की सुरक्षा कड़ी रहती है, लेकिन वहां लगातार फोन बरामद हुए हैं, गैंगवार हुई हैं जो सुरक्षा पर सवाल खड़े करते हैं. ये गैंगवार जेल में राम रहीम की जान के लिए खतरा साबित हो सकती हैं.
प्रबंध समिति ने दावे का किया खंडन
हालांकि, मोहित गुप्ता द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर डेरा सच्चा सौदा की प्रबंध समिति ने खंडन किया है. प्रबंध समिति की ओर से कहा गया है कि जो याचिका दायर की गई है वह पूरी तरह से गलत है. उनका राम रहीम के केस से कोई संबंध नहीं है. प्रबंध समिति ने कहा है कि जेल में राम रहीम को कोई दिक्कत नहीं है, उनसे नियमित तौर पर मुलाकात की जा रही है.
चुनाव के दौरान दबाव बनाने का आरोप
गुरमीत राम रहीम के डॉक्टर ने कहा है कि राम रहीम को कोर्ट में पेश किया जाए और उनकी बात सुनी जाए. इसके अलावा ये भी लिखा गया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान एक नेता ने गुरमीत राम रहीम पर उनकी पार्टी को समर्थन करने का दबाव बनाया था. अभी याचिका की सुनवाई कब होगी, हाईकोर्ट की ओर से इसकी कोई तारीख नहीं दी गई है.
बता दें कि गुरमीत राम रहीम की ओर से कई बार पैरोल, बेल की अपील की गई है, लेकिन हर बार उसकी याचिका खारिज हो जाती है. फिर चाहे वो खेती करने के लिए मांगी गई पैरोल हो या फिर बेटी की शादी में जाने के लिए कोई अपील हो. गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम सीबीआई कोर्ट द्वारा यौन शोषण और हत्या के मामले में सजायाफ्ता है, उन्हें 20 साल की सज़ा हुई थी.