मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव के बारे में उनके वकील गिरिजेश पांडेय ने नया खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि साल 2014 में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी. जिसमें उसने जय गुरुदेव की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की जांच की मांग की थी.
जय गुरुदेव की मौत की जांच चाहता था रामवृक्ष
इस याचिका में कहा गया था कि जवाहर बाग में वो लोग जय गुरुदेव की मौत जांच न होने के विरोध में धरना दे रहे हैं. वहीं मथुरा के उपजिलाधिकारी ने उन्हें जगह से हटने का नोटिस जारी
किया है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर दिया था.
रामवृक्ष की दो याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई
पांडेय ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जवाहर बाग से रामवृक्ष यादव और उसके समर्थकों को हटाने का आदेश दिया था. उसके खिलाफ हमने 2015 में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की हुई
है. रामवृक्ष की तरफ से दोनों याचिका लगाई गई थी. दोनों याचिका सुप्रीम कोर्ट ने टैग कर दी थी. इन दोनों याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी.
मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है
उन्होंने बताया कि हमारी तरफ से पहले वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी और बाद में राजीव धवन पेश हुए. मैं पता कर रहा हूं कि क्या इलाहाबाद हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने ये बताया था
कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. अगर नहीं बताया तो सरकार ने गलत किया है.
अक्रामक स्वभाव का था रामवृक्ष
वकील ने बताया कि उनका क्लाइंट रामवृक्ष थोड़ा अक्रामक स्वभाव का तो था, लेकिन हमारी बातचीत सिर्फ केस के मुद्दों पर ही होती थी. मुझसे उसकी मुलाकात यहीं सुप्रीम कोर्ट में तीन बार
हुई थी. पांडेय ने कहा कि इससे ज्यादा मुझे उसके बारे में नहीं मालूम. मुझे इसकी जरूरत भी नहीं थी.
रामवृक्ष के राजनैतिक संबंध के बारे में नहीं पता
गिरजेश पांडेय ने कहा कि मुझे यह नहीं पता कि किन-किन राजनेताओं से उसके संबंध थे या उसको किसका संरक्षण हासिल था. उन्होंने कहा कि मथुरा हिंसा मामले की जांच होनी चाहिए. वहां
इतनी मौतें हुईं. इसकी जबाबदेही तो तय होनी चाहिए.