एकतरफ जहां BJP शासित उत्तर प्रदेश में अपराधी पुलिस के खौफ से खुद पुलिस थाने पहुंच गिरफ्तारियां दे रहे हैं, वहीं BJP शासित झारखंड में अपराधियों ने खौफ मचा रखा है. बीते एक महीने के अंदर ही झारखंड की राजधानी रांची में 17 हत्याएं हो चुकी हैं.
इतना ही नहीं अपराध होने के बाद भी पुलिस की नाकामयाबी ने कानून व्यवस्था की पोल खोल रखी है. अब तक सिर्फ दो मामले में गिरफ्तारियां हुई हैं, जबकि अन्य मामलों में पुलिस के हाथ खाली ही हैं.
रांची में एक महीने में 17 हत्याएं
एक तरफ झारखंड में अपराधी सरेआम हत्या जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ CM रघुबर दास हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं. झारखंड में बेहद तेजी से बढ़े अपराधों का सबसे स्याह पहलू यह है कि हत्या के कई मामलों में BJP के स्थानीय नेता ही संलिप्त पाए गए हैं. अब रांची में एक महीने के अंदर हुईं हत्या की यह 17 वारदातें रघुबर सरकार के गले की हड्डी बन गई है.
रांची में हुई हत्या की वारदातें-:
- 4 मार्च रात एक लावारिसस शव बरामद हुआ
- 5 मार्च को तुपुदाना में हत्या की एक घटना सामने आई
- 5 मार्च को ही इटकी में एक शव बरामद हुआ
- 6 मार्च को लोअर बाजार इलाके में सलीम खान नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई
- 7 मार्च को कतारी बागान में एक शव बरामद हुआ
- 9 मार्च को राजधानी के एक होटल में एक व्यक्ति की संदिग्ध अवस्था में मौत
- 10 मार्च को नगड़ी में RJD नेता कैलाश प्रसाद सोनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई
- 11 मार्च को तुपुदाना में एक छात्र प्रीतम मुंडा की हत्या कर दी गई
- 11 मार्च को नगड़ी रेलवे स्टेशन पर BJP नेता की हत्या हो जाती है
- 15 मार्च को चुटिया रांची कॉलेज के पूर्व कर्मचारी अरुण नाग की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई
- 22 मार्च को जगन्नाथपुर में संजय साहू नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या
- 30 मार्च को नगड़ी में दो-दो हत्याएं हो जाती हैं
झारखंड की राजधानी रांची में लगातार हत्या की वारदातें होती हैं और पुलिस है कि हर बार वही रटा रटाया जवाब देकर पल्ला झाड़ लेती है. रांची के DIG अमोल वेणुकांत होमकार ने कहा कि पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि हत्या के इन वारदातों में आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सके.
एकतरफ तो राज्य का प्रशासनिक अमला नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों पर जोर दे रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि राजधानी रांची में ही प्रशासन अपराधियों का कुछ नहीं कर पा रहा. रांची की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है.