कहावत है 'जाको राखे साइयां मार सके न कोई', इसी कहावत को चरितार्थ किया है रांची के तुपुदाना इलाके में घटे एक वाकये ने. यहां एक लड़की ने एक के बाद एक तीन बार खुदकुशी की कोशिश की, लेकिन तीनों ही बार बच गई. पुलिस ने छात्रा को खुदकुशी करने से बचाया और उसके घर पहुंचाया.
पुलिस ने बताया कि उन्हें किसी ने सूचित किया कि एक लड़की तुपुदाना रिंग रोड पर वाहनों के नीचे कूदकर जान देने की कोशिश कर रही है. सूचना मिलते ही हम फौरन बताई जगह पहुंचे और लड़की को समझा-बुझाकर घर पहुंचाया.
पुलिस ने बताया कि छात्रा के पिता पेयजल संसाधन विभाग में इंजीनियर हैं, जबकि छात्रा एक कोचिंग से इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही है.
टहलने के बहाने निकली थी घर से
जानकारी के मुताबिक रांची के हिनू इलाके में परिवार के साथ रहने वाली छात्रा रात के करीब 9.0 बजे टहलने की बात कहकर घर से निकली थी. छात्रा ऑटो में बैठ कर तुपुदाना रिंग रोड पहुंची. उसके हाथ में एक पेपर था.
तुपुदाना रिंग रोड पर पहुंचकर लड़की बेतहाशा दौड़ने लगी और वाहनों के आगे कूदकर खुदकुशी की कोशिश की. उसने पहले एक ट्रक के नीचे आकर जान देने की कोशिश की, लेकिन ड्राइवर ने ट्रक संभाल लिया.
इसके बाद लड़की ने एक डंपर के नीचे आकर जान देने का प्रयास किया. लेकिन डम्पर चालाक ने सूझबूझ से काम लिया और लड़की को बचा लिया. इस बीच वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति ने छात्रा को आत्महत्या का प्रयास करते हुए देख लिया.
उसने तत्काल ही इस बात की जानकारी हाईवे पैट्रोलिंग पुलिस को दी. सूचना पाकर हाईवे पैट्रोलिंग की टीम फौरन वहां पहुंची. लेकिन छात्रा ने पुलिस वाहन के आगे भी कूदकर जान देने की कोशिश की. पुलिस के जवानों ने लेकिन उसे पकड़ लिया और लड़की खुदकुशी की तीन-तीन कोशिशों के बावजूद बचा ली गई.
सुसाइड नोट पढ़कर पुलिसवालों के होश उड़े
लड़की को पकड़कर पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो उन्हें लड़की के पास से एक सुसाइड नोट मिला. जब पुलिसवालों ने सुसाइड नोट पढ़ा तो वे हैरान हो गए. पुलिस ने बताया कि लड़की ने सुसाइड नोट में अपने माता-पिता से माफी मांगते हुए खुदकुशी के लिए पढ़ाई की टेंशन को जिम्मेदार बताया था.
सुसाइड नोट में लड़की ने लिखा था, "सॉरी पापा-मम्मी. हमसे पढ़ाई नहीं हो पा रही है. बहुत कोशिश की, लेकिन कुछ याद नहीं हो पा रहा है. मैं जो भी याद करती हूं, अगले दिन भूल जाती हूं. इस बार अगर मैंने परीक्षा दी, तो फेल हो जाऊंगी. सब कुछ पुराना याद किया हुआ भूल गए हैं. हमसे नहीं हो पाएगा. पापा आप कभी बोलते हैं आईआईटी निकालो, कभी बोलते हैं 75 प्रतिशत लाओ. हम टेंशन में कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं. घर में रोज दोनों भाई नौटंकी करते हैं. मेरा पक्ष कभी कोई नहीं लेता. सब मुझे ही सुनाते हैं. पापा हम हमेशा गलत नहीं होते. कभी मेरी भी सुन लिया कीजिए. आप मुझ पर ही हमेशा गुस्सा करते हैं. हमसे अब यह सब सहन नहीं हो रहा है. अब हम नहीं रह पाएंगे. जब किसी को मुझ पर विश्वास ही नहीं है, तब हम रहकर क्या करेंगे. हम आप लोगों से बहुत प्यार करते हैं. यह कोई दुर्घटना नहीं, आत्महत्या है."
पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट में दो मोबाइल नंबर भी लिखे थे. और छात्रा ने दोनों नंबरों पर अपने परिजनों को फोन कर सूचित करने की अपील की थी.
पीएम मोदी ने भी किया था छात्रों को आगाह
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशभर के छात्रों को सम्बोधित करते हुए परीक्षा के दौरान होने वाले टेंशन को लेकर आगाह किया था. साथ ही प्रधानमंत्री ने परिजनों को छात्रों पर दबाब न देने की सलाह दी थी.