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रोहित शेखर मर्डर केस में पुलिस के हाथ खाली, पत्नी के बयान में उलझी गुत्थी

यूपी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की हत्या के मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं. पुलिस सूत्रों की मानें तो पत्नी अपूर्वा बहुत सोच-समझ कर पुलिस को बयान दे रही हैं. 

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की हत्या के मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं. पुलिस के शक के रडार में और 3 लोग हैं. शक रोहित की पत्नी, ड्राइवर और नौकर पर है. पुलिस सूत्रों की मानें तो पत्नी अपूर्वा बहुत सोच-समझकर पुलिस को बयान दे रही है. पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि वह रोहित शेखर के कमरे में गई थी.

रोहित शेखर के कत्ल की मिस्ट्री लगातार गहराती जा रही है. उनकी पत्नी का बयान सवालों के घेरे में है. पुलिस सूत्रों की मानें तो ताजा बयान में उनकी पत्नी ने ये माना है कि वह 15-16 अप्रैल की रात उनके कमरे में गई थी. लेकिन महज इस वजह से की वह उनकी पत्नी है और पति-पत्नी में जो रिश्ते होते हैं उसके लिए वो वहां गई थी. हो सकता है इस दौरान कुछ ऐसा हुआ हो जिससे रोहित की मौत हुई हो. लेकिन इससे रोहित की मौत हो सकती है ऐसा पुलिस को लगता नहीं. हालांकि, पुलिस का मानना है कि एक वकील होने के नाते उसे पता है कि क्या बोलना है और क्या नहीं.

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बता दें कि रोहित उस वक्त बेहद नशे में था. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर ऐसा हुआ भी तो अपूर्वा उसे तुरंत अस्पताल क्यों नहीं ले गई. अपूर्वा का ये भी कहना है कि रोहित को ज्यादा समय तक सोने की बीमारी थी. ऐसे में उन्हें थोड़ा भी शक नहीं हुआ कि बिस्तर पर लेटे हुए रोहित मर चुका है. इसलिए उसने न उसे जगाने की कोशिश की और न ही उन्हें डॉक्टर के पास ले जाने की.

पुलिस के मुताबिक रोहित घर की पहली मंजिल के कमरे में था. उसके बगल वाले कमरे में पत्नी अपूर्वा, सामने वाले कमरे में ड्राइवर अखिलेश और उसके ऊपर दूसरी मंजिल पर नौकर भोलू था, पुलिस को शक इन्हीं तीन लोगों पर है. पुलिस घर के बाकी सभी लोगों को करीब-करीब क्लीन चिट दे चुकी है.

पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी जांच से पता चला कि पहली मंजिल पर इन तीन लोगों के अलावा न कोई आया न कोई गया. पुलिस का कहना है कि ड्राइवर और नौकर कत्ल में शामिल होंगे, इसकी कोई वजह अब तक नहीं मिली है. अपूर्वा सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं इसलिए उन्हें हत्या करने का अंजाम भी पता होगा. हो सकता है हत्या किसी आवेश में आकर की गई हो.

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पुलिस के मुताबिक अब तक यह मामला साजिश के तहत की गई हत्या का नहीं लगता. हालांकि, पुलिस को फॉरेंसिक रिपोर्ट का भी इंतजार है जिससे ये साबित हो कि उस रात शेखर के कमरे में कौन था. क्योंकि पुलिस को रोहित के साथ हाथापाई के सबूत भी नहीं मिले हैं.

सीसीटीवी जांच से पता चला कि उस रात पहली मंजिल पर सबसे पहले रोहित, फिर ड्राइवर अखिलेश फिर नौकर भोलू और फिर अपूर्वा गई. अपूर्वा ने अगले दिन करीब 3 बजे नौकर भोलू से रोहित का स्टेटस चेक करने के लिए भी कहा. अपूर्वा ने ये भी दावा किया कि रोहित को अनिद्रा की बीमारी थी. इसलिए 16 घंटे तक उसे किसी ने नहीं जगाया.

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