नोटबंदी के इस दौर में राजस्थान में अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला सामने आया है. जहां अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में 16 करोड़ रुपये के घोटाले का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने इस मामले में बैंक में चेयरमैन समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
जयपुर के स्पेशल आपरेशन ग्रुप यानी एसओजी को अलवर को-ऑपरेटिव बैंक में बड़े घोटाले की खबर मिली थी. इसी दौरान बीती 19 दिसंबर को पुलिस ने एक होटल में छापा मारकर इसी बैंक के मैनेजर और उसके एक साथी को 108 अलग अलग खातों की चैकबुक और 1 करोड़ 32 लाख रुपयें के साथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ जो खुलासा हुआ उसे जानकर पुलिस भी हैरान रह गई.
एसओजी और पुलिस के मुताबिक अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में 12 निदेशक और चेयरमैन का बोर्ड है. जो बैंक का संचालन करता है. लेकिन कुछ साल पहले दिल्ली के निवासी अभिषेक जोशी ने चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी और सीईओ महेश मुदगल को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देकर सभी 12 निदेशक पदों पर अपने लोग रखवा दिए थे. और इस तरह से सारे अधिकार उसके पास आ गए थे.
उसके बाद इस बैंक में अब तक 16 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया. हैरानी की बात ये है कि नोटबंदी के बाद बैंक को अपने खाताधारकों को भुगतान करने के लिये 1.38 करोड़ रुपये की नई मुद्रा जारी की गई थी. जिसे अभिषेक जोशी ने फर्जीवाड़े खुद ही बदल लिया. वही इस राशि को लेकर दिल्ली जा रहा था. लेकिन एसओजी ने उसे अलवर के एक होटल से धर दबोचा.
एटीएस के महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि जब ये एक करोड़ 32 लाख के कालेधन के साथ पकड़े गए तो जांच के बाद पता चला कि अब तक इन्होंने 16 करोड़ रुपये का गबन किया है. पुलिस ने इस बारे में आयकर विभाग को जानकारी दे दी है.
पूछताछ मे पता चला कि मास्टर माइंड जोशी और सीईओ ने मिलकर बैंक में 92 फर्जी खाते खोले. हर खाते से 9 लाख रुपये का लोन उठाकर 8.28 करोड़ रुपये का गबन किया. उसी बीच 4.75 करोड़ रुपये निकाले भी गए. जिसका कोई रिकार्ड ही नहीं है. अब एसओजी बैंक के तत्कालीन और वर्तमान चेयरमैन समेत सीईओ और पांच आरोपियों से पूछताछ कर रही है.