प्रद्युम्न मर्डर केस में पिंटो फैमिली की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट इस पर 10 दिनों में सुनवाई करके अपना फैसला दे. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पिंटो फैमिली की अंतरिम जमानत पर सुनवाई करते हुए फौरी राहत दी थी और 7 अक्टूबर को उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी.
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मृतक प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा है कि 10 दिनों में पिंटो फैमिली की जमानत याचिका को निपटाया जाए. इस पर फैसला आने के बाद ही वरुण ठाकुर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
वरुण ठाकुर के वकील सुशील टेकरीवाल के मुताबिक मर्डर केस की जांच अभी शुरुआती दौर में है. लिहाजा आरोपी अपने प्रभाव से जांच प्रभावित करने में सक्षम हैं. आरोपियों ने घटना स्थल के अलावा भी कई सबूत मिटाए हैं. आरोपियों की ओर से अभी भी सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों पर दबाव की आशंका है. इनका जेल से बाहर रहना सही नहीं है.
हरियाणा सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने अपनी जांच में रेयान स्कूल में भयंकर कमियां पाई थी. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, रेयान इंटरनेशनल स्कूल के सीसीटीवी कैमरे खराब पाए गए थे. ड्राइवर और कंडक्टर छात्रों के टॉयलेट का ही इस्तेमाल किया करते थे. स्कूल की बाउंड्री वॉल टूटी हुई थी, जिससे स्कूल के अंदर आना जाना बेहद आसान था.
स्कूल में काम करने वाले कर्मचारियों का किसी भी तरह का कोई पुलिस वैरिफेकेशन नहीं हुआ था. बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी टीम भेजकर स्कूल में जांच कराई, जिसमें कई गड़बड़ियां सामने आई. सीबीएसई की जांच कमिटी ने भी कहा था कि स्कूल ने अपनी जिम्मेदारी सही तरह से निभाई होती तो छात्र की हत्या नहीं होती. स्कूल ने कई लापरवाही की है.
बताते चलें कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर के साथ कुकर्म की कोशिश के बाद उसकी गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बस कंडक्टर अशोक समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी अशोक कुमार ने पहले अपना जुर्म कबूल किया, लेकिन अब इससे इंकार कर रहा है.