गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी क्लास में पढ़ने वाले प्रद्युम्न की हत्या के मामले में कुछ ऐसे सवाल हैं, जो सोशल मीडिया पर लगातार उठाए जा रहे हैं. ये ऐसे सवाल हैं जो अभी तक रहस्य बने हुए हैं. इन्हीं के आधार पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों की फेहरिस्त सामने आते ही जाहिर है, शक होना लाजिमी है. दरअसल यही 8 सवाल पुलिस के जांच करने के तौर-तरीकों पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं:
1- क्या असल गुनहगार को बचाने के लिए कंडक्टर को मोहरा बनाया जा रहा है?
इस सवाल के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि किसी ताकतवर शख्स को बचाने के लिए स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को मोहरा बनाया गया है. ये बात प्रद्युम्न के परिजन भी दोहरा चुके हैं. उन्हें शक है कि शायद उनके बच्चे ने कुछ ऐसा देख लिया था, जिसे छुपाने के लिए उसे मौत के घाट उतार दिया गया. अशोक के कबूलनामे को वह फरेब बता रहे हैं. परिजनों की मानें तो हो सकता है कि अशोक को गुनाह कबूल करवाने के लिए मजबूर किया गया हो.
2- अगर अशोक ही कातिल है तो उसकी शर्ट पर खून के निशान क्यों नहीं मिले?
घटना की जानकारी मिलते ही अशोक ही प्रद्युम्न को टॉयलेट से बाहर लेकर आया था और स्कूल स्टाफ के साथ मिलकर उसे अस्पताल लेकर गया था. इसके बावजूद उसकी शर्ट पर खून के निशान क्यों नहीं मिले? अगर मान लिया जाए कि अशोक ने ही प्रद्युम्न का कत्ल किया था तो फिर उसकी शर्ट बेदाग कैसे रह गई?
3- टॉयलेट साफ क्यों करवाया गया?
वारदात के बाद पुलिस की मौजूदगी में टॉयलेट (जहां मर्डर हुआ था) साफ करवा दिया गया. क्या स्कूल मैनेजमेंट और पुलिस ने सबूत मिटाने के लिए उस जगह को साफ करवाया? इस बात को लेकर भी पुलिस के रोल पर सवाल उठ रहे हैं.
4- क्या सबूत मिटाने के लिए की गई सफाई?
वारदात के बाद प्रद्युम्न के बैग, पानी की बोतल को आखिर किसने और क्यों साफ किया?
5- हत्या में इस्तेमाल चाकू क्यों साफ किया गया?
हत्या में इस्तेमाल चाकू मौके से साफ-सुथरा कैसे मिला? क्या उंगलियों के निशान मिटाने के लिए उसे साफ किया गया? दरअसल अशोक ने कबूलनामे में बताया था कि वह चाकू बस के टूल बॉक्स में रखा था. आखिर वह किस मकसद से टूल बॉक्स में रखा चाकू टॉयलेट लेकर गया था. यह बात किसी के गले से नीचे नहीं उतर रही है कि अशोक कत्ल के इरादे से ही चाकू लेकर वहां गया था, क्योंकि कबूलनामे में उसने ऐसा कोई इरादा होने की बात से इनकार किया है.
6- किसी ने क्यों नहीं सुनी प्रद्युम्न की चीख?
एक ऐसा स्कूल, जहां सैकड़ों की तादाद में बच्चों की चहलकदमी होती हो. क्लास रूम, टीचर्स रूम और टॉयलेट..सब आसपास हो. हर मिनट टीचर्स, बच्चे टॉयलेट का इस्तेमाल करते हो. वहां किसी ने भी कत्ल के दौरान मासूम की चीखें नहीं सुनी, ऐसा कैसे मुमकिन हो सकता है?
7- अचानक सीसीटीवी कैसे खराब हो गए?
यह सवाल भी बेहद चौंकाने वाला है कि एकाएक स्कूल में लगे सीसीटीवी खराब हो गए. क्या असल गुनहगार को बचाने के लिए ऐसा किया गया है? वहीं आरोपी अशोक के कबूलनामे के बाद भी पुलिस द्वारा कोर्ट में उसकी रिमांड की अर्जी दायर करना, काफी चौंकाने वाला है.
8- क्या प्रद्युम्न से की गई थी कुकर्म की कोशिश?
आरोपी अशोक ने कबूल किया कि उसने मासूम से कुकर्म करने की कोशिश की थी. जब वह चिल्लाने लगा तो पोल खुलने के डर से उसने उसके गले पर चाकू से वार कर दिया. पुलिस का कहना है कि उनके पास इस बात के सबूत हैं. फिलहाल इसकी पुष्टि के लिए प्रद्युम्न के कपड़े फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं.