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सहारनपुर जातीय संघर्षः चार स्थानों पर आगजनी-तोड़फोड़, तनाव बरकरार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में शब्बीरपुर गांव से शुरू हुआ जातीय बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को बिना अनुमति के दलित समुदाय के सैंकडों लोग शहर के गांधी पार्क में सभा करने के लिए पहुंच गए. इन्हें रोकने के लिए पुलिस को हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा. इसके बाद गुस्साए लोगों ने सहारनपुर शहर के चारों तरफ जमकर बवाल मचाया.

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बवाल के दौरान दर्जनभर से ज्यादा वाहनों को आग लगा दी गई (सभी फोटो साभार- एम. शौकीन)
बवाल के दौरान दर्जनभर से ज्यादा वाहनों को आग लगा दी गई (सभी फोटो साभार- एम. शौकीन)

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में शब्बीरपुर गांव से शुरू हुआ जातीय बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को बिना अनुमति के दलित समुदाय के सैंकडों लोग शहर के गांधी पार्क में सभा करने के लिए पहुंच गए. इन्हें रोकने के लिए पुलिस को हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा. इसके बाद गुस्साए लोगों ने सहारनपुर शहर के चारों तरफ जमकर बवाल मचाया.

सहारनपुर जिले में मंगलवार को हलालपुर, मानकमऊ, बेहट रोड़ और रामनगर में सड़कों पर उतरे दलित प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए. उन्होंने हलालपुर में सड़क पर जाम लगाया तो बेहट रोड़ पर एक बस में आग लगा दी. उनका गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ, थाना देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के मल्हीपुर रोड़ पर भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया.

दर्जनभर से ज्यादा दुपहिया वाहनों को जला दिया गया. वहीं एक कार भी सड़क के बीच में उलटकर आग के हवाले कर दी गई. शहर के बाहरी क्षेत्रों में कई जगह पथराव के साथ-साथ तोड़फोड़ भी की गई. खासकर पुलिस के वाहनों को निशाना बनाया गया.

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हालांकि मंगलवार की घटना में अभी किसी के गंभीर रूप से हताहत होने की ख़बर नहीं है लेकिन ज़िले में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. सहारनपुर का माहौल तनावपूर्ण है.

शोभायात्रा के दौरान हुआ था जातीय संघर्ष
गौरतलब है कि बीती पांच मई को सहारनपुर के बड़गांव थानाक्षेत्र के शब्बीरपुर गांव में महराणा प्रताप की शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान अंबेडकर प्रतिमा क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद जातीय संघर्ष हुआ था. जिसमें पत्थर लगने से जख्मी एक युवक की मौत हो गई थी.

इसके अलावा आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. 26 वर्षीय युवक की मौत के बाद राजपूत समाज के लोग नानौता सीएचसी पर जमा होने लगे थे. इसके बाद शब्बीरपुर गांव में दलितों के मकानों और महेशपुर गांव में कुछ दुकानों में आगजनी की गई थी.

भीड़ ने वहां दलितों के करीब 25 घर आग के हवाले कर दिए थे. इस दौरान दर्जनभर से ज्यादा लोग घायल हुए थे. जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सभी घायल दलित पक्ष के हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं.

घटना के बाद आईजी जोन अजय आनंद भी शब्बीरपुर गांव में गए थे. घटना के बाद घायलों का हाल जानने के लिए पूर्व विधायक जगपाल सिंह, पूर्व विधायक महीपाल सिंह, बसपा जिलाध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद, नरेश गौतम, शादान मसूद, शहर विधायक संजय गर्ग, सपा जिलाध्यक्ष चौ. जगपाल दास आदि भी जिला अस्पताल पहुंचे थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला अस्पताल में भी पुलिस बल तैनात किया गया है.

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नहीं थम रहा तनाव
मंगलवार को फिर से भड़की हिंसा के दौरान कई पत्रकारों के वाहन भी आग के हवाले कर दिए गए. पुलिस ने जब उत्पात मचाने वालों को खदेड़ने की कोशिश की, तो उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया.

मल्हीपुर रोड़ पर एक बार तो हालात ऐसे बने कि पुलिसकर्मियों को मौके से भागना पड़ा. इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने हवाई फायर भी किए.

सबसे ज्यादा हंगामा मल्हीपुर रोड़ के रामनगर में हुआ. जहां भीम सेना के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को खूब दौड़ाया. हालात बिगड़ते देख डीएम और एसएसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पहुंचे. इससे पहले हंगामा कर रही भीड़ ने वाहनों में आगजनी और तोड़फोड़ करने के साथ ही राहगीरों के साथ मारपीट भी की.

डीएम नागेंद्र प्रताप सिंह और एसएसपी सुभाष चंद दुबे ने बामुश्किल हंगामा मचा रहे लोगों को शांत किया और उनसे बातचीत की. डीएम और एसएसपी के समझाने पर मामला ठंडा हुआ. अभी डीएम और एसएसपी मौके पर ही जमे हुए हैं. अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की कोई ख़बर नहीं है. हालांकि हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.

सहारनपुर के डीएम के एनपी सिंह ने 'आजतक' को फोन पर बताया कि जिन इलाकों में बवाल हुआ था, वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. प्रभावित क्षेत्रों में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं. लगातार पुलिस गश्त कर रही है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पीएसी की कई कंपनिया भी लगाई गई हैं. उनका कहना है कि अब स्थिति नियंत्रण में है.

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