उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में मंगलवार को हुए बवाल के बाद दूसरे दिन तनाव पूर्ण शान्ति रही. इस दौरान पुलिस ने आगजनी और पथराव करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी अभियान शुरू कर दिया है. पुलिस-प्रशासन ने जनता से किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील भी की है.
सहारनपुर के एसएसपी सुभाष चंद दूबे ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने वीडियो फुटेज के आधार पर हिंसा, आगजनी और पथराव करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी का अभियान शुरू कर दिया है. रामपुर मनिहारान पुलिस ने सहारनपुर हाइवे पर रेलवे फाटक और पुल के बीच यात्री वाहनों पर पथराव करने के मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.
इसी तरह से जनपद के थाना सरसावा के अन्तर्गत मंगलवार को नकुड़ रोड पर जाम लगाकर प्रदर्शन करने के मामले में थाना सरसावा पुलिस ने 20 से 25 अज्ञात लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस इस प्रदर्शन में शामिल लोगों की तलाश कर रही है.
सहारनपुर के जिलाधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियन्त्रण में है. शान्ति व्यवस्था के लिये पूरे जनपद को पांच जोन और उन्नीस सेक्टरों में बांटकर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं. उन्होंने बताया कि मंगलवार को सहारनपुर जिले में हिंसा के दौरान होने वाले नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है.
सहारनपुर रेंज के डीआईजी जेके साही ने बताया कि सहारनपुर के एसपी सिटी संजय सिह और एसपी देहात रफीक अहमद को हटा दिया गया है. उनके स्थान पर प्रबल प्रताप सिंह को नया एसपी सिटी और विद्यासागर को नया एसपी देहात बनाया गया है.
गौरतलब है कि बीती पांच मई को दलित-राजपूत जातीय संघर्ष के बाद मंगलवार को सहारनपुर मे भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने प्रशासन की बिना अनुमति के गांधी पार्क मे महापंचायत का ऐलान किया था. जिस पर पुलिस प्रशासन ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया था.
इसका परिणाम यह हुआ कि एक वर्ग विशेष ने मल्हीपुर रोड, चिलकाना रोड, चकरौता रोड और मानकमऊ में रास्ता जाम कर पथराव और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था. जिसके तहत कई मीडियाकर्मियों के वाहन भी आग के हवाले कर दिए गए थे. पुलिस ने बामुश्किल हालात को संभाला था.