साल 2002 के हिट एंड रन केस में बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को बरी किए जाने के खिलाफ सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया है. कार हादसे में पीड़ित के परिजन की ओर से फैसले को चुनौती देने वाली अर्जी पर 12 फरवरी को सुनवाई होगी.
फैसले से आहत थे पीड़ितों के परिजन
हिट एंड रन केस में पीड़ित नुरुल्लाह शेख के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में सलमान को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए सुनवाई के लिए अर्जी दी थी. इसके पहले महाराष्ट्र सरकार ने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हिट एंड रन केस के दौरान सलमान सिर्फ शराब के नशे में ही नहीं थे, बल्कि अपनी एसयूवी भी चला रहे थे. सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में सलमान को बरी करने का बंबई हाईकोर्ट का फैसला खारिज करने की अपील की थी.
महाराष्ट्र सरकार की अर्जी भी स्वीकार
जस्टिस जे एस खेहड़ और जस्टिस सी नागप्पन की बेंच के सामने महाराष्ट्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने हाईकोर्ट के फैसले को विकृत, अनुचित और पूरी तरह न्याय का उपहास करने वाला करार दिया. उन्होंने कहा कि सलमान ही गाड़ी चला रहे थे. चालक के रूप में उनके ड्राइवर को पेश करने का तथ्य घटना के 13 साल बाद सोच-विचार कर लाया गया.
सलमान को नहीं मिला है नोटिस
फिलहाल सलमान खान को नोटिस जारी नहीं किया गया है. कोर्ट पहले आश्वस्त होना चाहता है कि घटना वाली रात गाड़ी कौन चला रहा था. रोहतगी ने कहा कि सलमान के अलावा इस गाड़ी में उनके साथ उनका गायक दोस्त कमाल खान और एक सिपाही था. उनके बयानों से साफ है कि वही गाड़ी चला रहे थे.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी किया था
पहले ट्रायल कोर्ट ने सलमान को हिट एंड रन मामले में दोषी करार देते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत दे दी थी. बाद की सुनवाई में उन्हें बरी करने का फैसला दिया गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर सुनवाई की अपील की थी.
हिट एंड रन मामला क्या है
28 सितंबर 2002 की रात मुंबई के बांद्रा में एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे पांच लोगों पर सलमान खान के लैंड क्रूजर कार चढ़ा देने का आरोप है. इस हादसे में एक शख्स की मौत हो गई थी और चार बुरी तरह घायल हो गए थे. वहां से भाग निकले सलमान पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला चला. बाद में उनपर गैर-इरादतन हत्या का मामला भी चलाया गया.