बिहार में नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार बना एक व्यक्ति अपना पैसा वापस पाने के लिए किडनैपर बन गया. उसने उसके साथ धोखा करने वाले का अपहरण किया और फिरौती मांगी. लेकिन फिरौती मिलने से पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
मामला समस्तीपुर जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र का है. जहां अपहरण के मामले में गिरफ्तार युवक ने पुलिस के सामने खुलासा करते हुए बताया कि उसने अपना पैसा वापस लेने के लिए व्यवसायी का अपहरण किया था. समस्तीपुर में हुए इस अजीबो गरीब मामले में अपहरण का शिकार बने व्यक्ति को भी जेल भेजा जाएगा.
जिले के मुफ्फसिल थाना के विशनपुर बांदे गांव में रहने वाले अर्जुन पासवान ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर दयाशंकर नामक युवक से 5 लाख रुपये लिए थे लेकिन उसकी नौकरी नहीं लगवाई. बार-बार पैसे मांगने पर भी वह पैसा नहीं लौटा रहा था. इस बीच अर्जुन ने दयाशंकर को बड़ी मुश्किल से 3 लाख रुपये लौटाए थे.
बकाया पैसे के लिए वह अर्जुन के चक्कर लगा रहा था. इसी दौरान दयाशंकर को इस बात की भनक लग गयी कि अर्जुन के बैक एकाउंट में 60 लाख रुपया है. वह लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता है. बस ये जानते ही दयाशंकर की नीयत बदल गई. उसने प्लान के साथ अर्जुन के अपहरण की साजिश रच डाली.
जिसके चलते उसने 23 मई को ताजपुर क्षेत्र से अर्जुन पासवान का अपहरण कर लिया और उसे मुजफ्फरपुर ले गया. बाद में उसने अर्जुन की पत्नी को मोबाइल पर फोन करके उसके अपहरण की जानकारी दी और फिरौती के रूप में 40 लाख रुपये की डिमांड कर डाली.
दयाशंकर ने अर्जुन को समस्तीपुर जिले के चकमेहसी थाना क्षेत्र के बलाही गांव में एक शातिर अपराधी के घर मे बंद कर रखा था. इस बीच कमरे में बंद अर्जुन ने किसी तरह खिड़की से बाहर जा रहे एक चौकीदार को आवाज लगाई और उसे अपने अपहरण की बात बताकर मदद मांगी.
उक्त चौकीदार ने इस बात की सूचना थाना पुलिस को दे दी. पुलिस ने फौरन मौके पर जाकर अर्जुन को वहां मुक्त करा लिया. तभी अपहरणकर्ता दयाशंकर भी वहां पहुंच गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अर्जुन ने पुलिस को अपहरण करने की वजह बताई तो पुलिस ने अर्जुन के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे भी जेल भेजने की तैयारी कर ली.
समस्तीपुर के सदर डीएसपी ने कहा कि दयाशंकर सहित 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. अपहरण की मुख्य वजह नोट के बदले नौकरी दिलाना था.