सुप्रीम कोर्ट ने हार्दिक पटेल के खिलाफ गुजरात सरकार से देशद्रोह मामले में 8 जनवरी तक आरोप पत्र दायर दाखिल करने के लिए कहा है.
पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने उन पर लगे देशद्रोह के आरोपों को निरस्त करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. उसी के संबंध में देश की सबसे बड़ी अदालत ने गुजरात सरकार से आरोप पत्र दाखिल करने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि गुजरात हाई कोर्ट ने पटेल हार्दिक पटेल के खिलाफ सूरत में दर्ज एफआईआर को खारिज करने से इनकार कर दिया था. हाई कोर्ट कहा था कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्ट्या देशद्रोह का मामला बनता है. हालांकि अदालत ने रिपोर्ट से IPC की धारा 153 (ए) (दो समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करना) को हटाने के आदेश कर दिए थे.
उस वक्त मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस जे.बी. पारदीवाला ने कहा था कि प्रथम दृष्ट्या हार्दिक के खिलाफ देशद्रोह का मामला बनता है क्योंकि उन्होंने एक युवक को सलाह दी थी कि वह पुलिसकर्मियों को जान से मार डाले. कोर्ट ने यह फैसला आरोपी के पिता भरत पटेल की उस याचिका पर सुनाया था, जिसमें उन्होंने हार्दिक के खिलाफ दर्ज देशद्रोह की एफआईआर को रद्द करने का अनुरोध किया था.
कोर्ट ने पटेल और उनके समर्थकों को हिदायत देते हुए कहा था कि पाटीदारों के लिए शांतिपूर्ण तरीकों से आरक्षण की मांग के रास्ते खुले हैं लेकिन सार्वजनिक शांति को खतरे में डालने का कोई भी कृत्य स्वीकार्य नहीं है.