शिमला से करीब 120 किलोमीटर दूर नेरवा इलाके में शुक्रवार शाम को एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. युवक का कसूर था कि वह दलित था और पीछे गाड़ी चला रहे राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले तीन युवकों से आगे चल रहा था. पुलिस के मुताबिक सड़क तंग थी और युवक उनकी गाड़ी निकले के लिए साइड नहीं दे पा रहा था.
पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक 24 साल का रजत अपनी मां को लेने के लिए घर से निकला था लेकिन वह जैसे ही नेरवा बाजार से गुजरा तो पीछे से एक स्विफ्ट कार में आ रहे तीन स्थानीय युवक ऋषभ भिकटा (19) ,कार्तिक लोथता (20) और निखिल जोर जोर से हॉर्न बजाकर साइड मांगने लगे. क्योंकि सड़क तंग थी इसलिए रजत पास नहीं दे पाया.
युवक बार-बार उसे धमकाने लगे कि वह उनके आगे न चलें क्योंकि वह दलित है. इस बीच ऋषभ भिकटा गाड़ी से उतरा और रजत को गाड़ी से खींचकर पीटने लगा. दो और आरोपी भी कार से बाहर निकले और उसे धमकाने लगे. इस बीच ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात एक जवान ने बीच-बचाव करके आरोपियों को चलता किया लेकिन वह अगले ही मोड़ पर रुककर रितेश का इंतजार करने लगे.
आरोपियों ने बीच सड़क में अपनी गाड़ी रोककर रितेश का रास्ता रोक लिया और उसे बेरहमी से पीटकर फरार हो गए. थोड़ी ही देर में जब रितेश के परिजनों को पता चला तो वह घटनास्थल पर पहुंचे और उसे खून से लतपथ बेहोश पाया. उसे नेरवा के स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
पुलिस ने तीनों आरोपियों ऋषभ भिकटा ,कार्तिक लोथता और निखिल को गिरफ्तार कर लिया है. उनके खिलाफ IPC की धारा 341, 223, 506, 302 और SC/ST एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में दलितों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, कुछ दिन पहले ही सिरमौर जिला के बसपा नेता को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था.