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तिहाड़ शिफ्ट हुआ यासीन भटकल, ISIS की मदद से भागने की फिराक में

हैदराबाद ब्लास्ट केस में दोषी आतंकी यासीन भटकल आतंकी संगठन ISIS की मदद से जेल से भागने की फिराक में है. यासीन भटकल को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किए जाने के बाद तिहाड़ जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक यासीन भटकल
इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक यासीन भटकल

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हैदराबाद ब्लास्ट केस में दोषी आतंकी यासीन भटकल आतंकी संगठन ISIS की मदद से जेल से भागने की फिराक में है. यासीन भटकल को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किए जाने के बाद तिहाड़ जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक यासीन भटकल आतंकी संगठन ISIS की मदद से जेल से भागने की फिराक में है. दरअसल साल 2015 में यासीन भटकल ने अपनी पत्नी को फोन किया था. इस फोन कॉल को सुरक्षा एजेंसियों ने इंटरसेप्ट किया था.

पत्नी से बातचीत के दौरान यासीन ने दमिष्क और सीरिया की मदद से जेल से बाहर निकलने की बात कही थी. बताते चलें कि भारत-नेपाल की सीमा से जिस वक्त यासीन को गिरफ्तार किया गया था, तो भी उसने अंगुली उठाते हुए IS लड़ाकों का एक सिग्नेचर पोज बनाया था. सूत्रों की मानें तो यासीन अक्सर ISIS का जिक्र करता था.

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इंडियन मुजाहिदीन का पूर्व प्रमुख यासीन भटकल 2015 में हैदराबाद जेल में था, जब उसने अपनी पत्नी से फोन पर सीरिया से मदद मिलने की बात कही थी. इस वजह से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि यासीन को जेल से भागने में आतंकी संगठन ISIS से मदद मिल सकती है.

सूत्रों के अनुसार, भटकल को तिहाड़ में जेल नंबर 1 में रखा गया है. फांसी की सजा मिलने की वजह से यासीन भटकल को एकांत कारावास में रखा गया है. जेल के बाहर गार्ड्स और सीसीटीवी कैमरे मौजूद हैं जो 24 घंटे उस पर नजर बनाए हुए हैं. जेल के भीतर वह कोई आत्मघाती कदम न उठा सके, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है.

आतंकी यासीन की पत्नी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में रहती है. जेल में रहने के दौरान यासीन ने अपनी पत्नी को 27 कॉल की थी. वहीं सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो यासीन जेल में रहने के दौरान कुछ खूंखार अपराधियों के संपर्क में आया था. वह अभी भी उन लोगों के संपर्क में है.

दिसंबर 2016 में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने हैदराबाद बम धमाकों के मामले में यासीन भटकल और चार अन्य लोगों को मौत की सजा सुनाई थी. यासीन भटकल के साथ-साथ तहसीन अख्तर, जिया-उर्र रहमान, असदुल्लाह अख्तर और ऐजाज शेख को फांसी की सजा सुनाई गई है.

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