बिहार की जेलों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. जेल के अंदर इस्तेमाल वाले प्रतिबंधित सामानों की तस्वीरें इस बात की हमेशा तस्दीक करती हैं, जिसका ताज़ा उदाहरण छपरा जेल से वायरल हुई सेल्फी है.
जब सीवान जेल में शहाबुद्दीन की सेल्फी जेल के अंदर से वायरल हुई थी, तब भी काफी हंगामा मचा था. प्रशासन ने इस मामले में एफआईआर करके अपनी इज्जत बचाने की कोशिश की थी. उसी तरह अब विवेक सिंह राजपूत जो अवैध शराब के धंधे में जेल गया है, उसके साथ एक और शराब का अवैध धंधेबाज राजू सिंह का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. जिसके बाद हंगामा मचना स्वाभाविक है.
सेल्फी लेनेवाला शख्स विवेक सिंह राजपूत जो रसूलपुर थाना कांड संख्या 11/17 में उत्पाद अधिनियम की धारा 30,38,41 में शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. उसके साथ चाय पी रहा युवक अवैध शराब का सरगना नवादा पंचायत के पूर्व मुखिया का भतीजा राजू सिंह है. जिसे पुलिस ने शुक्रवार को चैनवा स्टेशन से गिरफ्तार कर जेल भेजा था. अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन की मुस्तैदी के बावजूद जेल में कैदी मोबाइल का इस्तेमाल कैसे कर पा रहें हैं.
कहीं ना कहीं प्रशासन की ठीली व्यवस्था का ही यह जीता जागता सबूत है. ऐसे में कोई भी अपराधी जब कैदी की जीवन शैली को नहीं अपना पाएगा तो क्या जेल और क्या घर. हाल ही में 15 तारीख को ही इसी जेल में कैदियों ने तलाशी लेने के दौरान सुरक्षाकर्मियों पर ही पथराव कर दिया था. जिसमे 2 सुरक्षकर्मियों का सर फटा था.
ये वही जेल है जहां तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कुंदन कृष्णन के नेतृत्व में जेल पर कब्जा जमा रखे खूंखार अपराधियों पर पुलिसिया कार्रवाई की गई थी. जिसमें कई खूंखार अपराधियों का एनकाउंटर कर जेल को अपराधियों के चंगुल से मुक्त करवाया गया था. ऐसा भी नहीं है कि पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं है. लेकिन इसे जेल की नाकामी कहकर जिला पुलिस कप्तान पंकज कुमार ने अपना पल्ला झाड़ लिया.