नोटबंदी के बाद से देश में छापेमारी का दौर जारी है. देश के कई हिस्सों में धनकुबेरों की काली कमाई पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है. अब प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग के रडार पर हैं 17910 कंपनियां. ईडी को शक है कि कालेधन को सफेद करने के लिए इन कंपनियों को बनाया गया है.
दरअसल ईडी को छापेमारी के दौरान कई सीए, ज्वैलर्स और बैंक अधिकारियों के पास से जो दस्तावेज बरामद हुए, उन्हें देखकर ईडी का शक गहरा गया है. वहीं गौर करने वाली बात है कि इन 17910 कंपनियों को 8 नवंबर यानी नोटबंदी के ऐलान के बाद रजिस्टर करवाया गया है. लिहाजा जांच एजेंसियां इन कथित कंपनियों के बहीखाते खंगाल रही है.
बता दें कि ज्यादातर कंपनियां बेनामी और अंजान जगहों पर रजिस्टर मिली. ज्यादातर कंपनियों के मालिक और निदेशक के पद पर बैठे निम्न मध्यमवर्गीय लोग मिले. नई बनाई इन कंपनियों में जमा किया गया पैसा अलग-अलग कंपनियों में ट्रांसफर किया गया था. सूत्रों की माने तो इन कंपनियों के जरिए 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा ब्लैक मनी को व्हॉइट किया गया है.