छत्तीसगढ़ सेक्स सीडी कांड में आरोपी बनाए गए पत्रकार विनोद वर्मा को आखिरकर सीबीआई अदालत ने जमानत दे दी. दरअसल निर्धारित 60 दिनों के भीतर सीबीआई अदालत में चालान पेश नहीं कर पाई. पत्रकार विनोद वर्मा के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि सीबीआई अदालत ने इसी आधार पर विनोद वर्मा की जमानत स्वीकृत की है.
छत्तीसगढ़ में एक मंत्री की सेक्स सीडी को लेकर पत्रकार विनोद वर्मा को 27 अक्टूबर को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया था. इस कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस विवादों के घेरे में है. चूंकि शिकायतकर्ता प्रकाश बजाज ने पंडरी थाने में किसी के खिलाफ नामजद शिकायत नहीं की थी. इसके बाद भी पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया था.
सेक्स सीडी कांड को लेकर पत्रकार विनोद वर्मा पांच दिनों तक पुलिस हिरासत में रहे. इसके बाद लगतार उनकी न्यायिक रिमांड बढ़ती चली गई. सीबीआई ने भी 12 दिनों की न्यायिक रिमांड के दौरान कई बार उनसे लंबी पूछताछ कर चुकी है. इसके बावजूद इसके निर्धारित समय सीमा के भीतर सीबीआई अदलात में चालान पेश नहीं कर पाई.
इस मामले के अलावा 27 अक्टूबर 2017 को रायपुर के सिविल लाइन थाने में पत्रकार विनोद वर्मा और भूपेश बघेल के खिलाफ राज्य के PWD मंत्री राजेश मूणत ने एक और FIR दर्ज कराई थी. यह मामला आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया था. दोनों ही मामलो की विवेचना में सीबीआई को कोई खास प्रामाणिक सबूत नहीं मिल पाए.
इसके चलते चालानी कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई. फिलहाल उम्मीद की जा रही है कि पत्रकार विनोद वर्मा शुक्रवार को रायपुर की सेंट्रल जेल से बाहर आ जाएंगे. बताते चलें कि विनोद वर्मा को 26 और 27 अक्टूबर की दरमियानी रात में उनके गाजियाबाद स्थित निवास से छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. यह मामला सुर्खियों में रहा है.