शीना बोरा की कथित हत्या के 7 साल बाद भी पुलिस को इसके सुराग हाथ नहीं लग पाए हैं. शीना बोरा के कंकाल का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने कोर्ट से कहा 'मैं आज तक मौत के असली कारणों को नहीं जान पाया.'
बीवाईएल नायर अस्पताल के डॉक्टर संजय ठाकुर ने शीना बोरा के कंकाल का पोस्टमार्टम किया था जिसे 2012 में जमीन खोदकर बाहर निकाला गया था. सरकारी वकील एजाज खान के साथ जिरह में डॉक्टर संजय ठाकुर ने कहा कि कंकाल से त्वचा, दांत, बाल और हड्डियों के नमूने लिए गए ताकि डीएनए टेस्ट किए जा सकें. डॉक्टर ने हड्डियों और दांत के नमूने को एक जार में रखा जबकि त्वचा और बाल को दूसरे जार में रख इसे सील कर पुलिस को सौंप दिया गया.
आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की ओर से पेश वकील सुदीप पसबोला ने डॉक्टर की जांच में आई कमियों पर अपनी बात रखी और कहा कि अब तक मौत के कारणों का पता क्यों नहीं चल पाया है. इसके जवाब में डॉक्टर संजय ठाकुर ने कहा कि शव आधा जल चुका था और सड़ी गली अवस्था में निकाला गया था, इसलिए मौत के असली कारणों का पता नहीं चल पा रहा है.
डॉक्टर से जिरह के पहले कठघरे में पेन पुलिस थाने के इंस्पेक्टर विनोद भागवत हाजिर हुए और उन्होंने बताया कि शव निकाले जाने के वक्त खुदाई वाली जगह पर वे मौजूद थे. इंस्पेक्टर ने कहा कि उस समय तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी. सीबीआई के मुताबिक, गुवाहाटी की रहने वाली शीना बोरा की हत्या 2012 में उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी ने की थी. हत्या के बाद शीना का शव पेन के जंगलों में दफना दिया गया जिसका पता स्थानीय गांववालों ने 23 मई 2012 को लगाया. शव से नमूने लेने के बाद दोबारा उसे दफना दिया गया. हालांकि 2015 में इस हत्याकांड के प्रकाश में आने के बाद दोबारा शव को खोद कर बाहर निकाला गया और पूरी तरह से जांच की गई.
जांच एजेंसी के मुताबिक, शीना की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह मुंबई में एक फ्लैट की मांग कर रही थी. सीबीआई के आरोप पत्र में कहा गया है कि शीना बोरा अपनी मां को ब्लैकमेल कर रही थी. इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी इस बात से भी नाराज थे कि पीटर के बेटे राहुल से शीना के संबंध थे. अब तक सीबीआई ने कोर्ट में 52 गवाह पेश किए हैं और आने वाले समय में और भी कई गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे.