हिमाचल प्रदेश के शिमला के ठियोग की गुड़िया के साथ हुए गैंगरेप और मर्डर केस में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है. इसके लिए दो टीम बनाई गई हैं. एक टीम शिमला और दूसरी कोटखाई में मौका-ए-वारदात पर जांच करेगी. पूरी जांच गुप्त तरीके से की जा रही है. यह टीम पुलिस द्वारा की गई जांच को भी देखेगी. इस मामले में दूसरी तरफ राजनीति भी शुरू हो गई.
जानकारी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में गैंग रेप और और मर्डर केस को लेकर बगावत शुरू हो गई है. 6 कांग्रेस विधायकों ने हाईकमान को चिट्ठी भेजी है. उन्होंने सीएम वीरभद्र सिंह को कुर्सी से हटाने की मांग की है. इधर, लोगों का आक्रोश अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुड़िया के लिए इंसाफ के लिए लोग लगातार पुलिस-प्रशासन पर दबाव बनाए हुए हैं.
लिफ्ट के बहाने कर लिया अगवा
बीते 4 जुलाई को आरोपी राजेंद्र उर्फ राजू अपने दोस्त आशीष और सुभाष के साथ कहीं जा रहा था. उसने 10वीं में पढ़ने वाली गुड़िया को देखा और गाड़ी रोककर उसे घर तक लिफ्ट देने की बात कही. गुड़िया इलाके में नई आई थी. राजू को जानती थी. वह अक्सर स्कूली बच्चों को ले जाता था, जिससे शक नहीं हुआ. लिहाजा वह उसके साथ गाड़ी में बैठ गई.
शराब के नशे में की हैवानियत
पुलिस के मुताबिक, राजू और उसके दोस्त शराब के नशे में धुत थे. उन्होंने बीच जंगल में सामान उतारने का बहाना बनाते हुए गाड़ी रोक दी. मासूम के साथ गैंगरेप किया. अपने तीन साथियों को भी वहां बुला लिया और फिर गुड़िया की बेरहमी से हत्या कर उसकी लाश को जंगल में फेंक दिया. गैंगरेप के दौरान दरिंदों ने गुड़िया के साथ हैवानियत की इंतेहा कर दी.
हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन
बताते चलें कि गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए बीते सप्ताह मंगलवार को गुम्मा कस्बे में 24 पंचायतों के चार हजार लोगों ने प्रदर्शन किया था. गुस्साए लोगों ने ठियोग-हाटकोटी नेशनल हाईवे पर सात घंटे तक जाम लगा दिया था. लोग इतने गुस्से में थे कि एक गाड़ी को तोड़ दिया. मौके पर पहुंचे एसडीएम टशी संडूप को कमरे में बंद कर दिया था.