कर्नाटक के शिवमोगा में छापेमारी के दौरान एनआईए को एक बार फिर से बड़ी सफलता हाथ लगी है. उसने ISIS साजिश मामले में दो और कथित आतंकियों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक NIA ने 10 जनवरी को भारत में आतंकी संगठन ISIS की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के आरोप में इन दोनों को अरेस्ट किया है. एनआईए ने दोनों आरोपियों की पहचान मंगलुरु के रहने वाले माजिन अब्दुल रहमान और दावणगेरे में रहने वाले नदीम अहमद के ए के रूप में की है.
एनआईए को जांच में पता चला कि आरोपी माज मुनीर ने माजिन अब्दुल रहमान को कट्टरपंथी बनाया और उसे आतंकी संगठन में भर्ती किया. वहीं आरोपी सैयद यासीन ने भारत में इस्लामिक स्टेट की आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए नदीम केए को कट्टरपंथी बनाया और भर्ती किया. दोनों ही आरोपियों ने ISIS की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी साजिश रचते हुए तोड़-फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अनजाम दिया.
आईएसआईएस साजिश मामले में पहले पिछले साल 19 सितंबर को शिवमोगा ग्रामीण पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. इसके बाद एनआईए ने इस मामले में 4 नवंबर को नई एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में चार अन्य आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
पिछले हफ्ते भी पकड़े गए थे दो संदिग्ध
आईएसआईएस साजिश मामले में एनआईए ने 6 जनवरी को कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़, शिवमोगा, दावानागेरे और बेंगलुरु समेत छह जगह छापेमारी की थी. इस दौरान एनआईए ने आईएसआईएस से जुड़े दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. उनकी पहचान उडुपी के रेशान ताजुद्दीन शेख और शिवमोगा के हुजैर फरहान बेग के रूप में हुई थी. दोनों पर आईएसआईएस के ऑपरेटिव होने का शक है.
एनआईए को जांच में पता चला कि शिवमोगा ISIS साजिश मामले में आरोपी माज मुनीर ने रेशान ताजुद्दीन और अन्य आरोपी युवक को कट्टरपंथी बनाया. इसके बाद राज्य में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दोनों को ISIS के आतंकियों ने फंडिंग की.
क्या है शिवमोगा ISIS साजिश केस
शिवमोगा में कुकर बम मामले की जांच में दौरान आईएसआईएस साजिश का खुलासा हुआ है. जांच के बाद पुलिस ने मोहम्मद शारिक और उसके साथियों को गिरफ्तार किया गया. उनसे पूछताछ के बाद पिछले साल सितंबर में कर्नाटक के शिवमोगा से तीन लोगों को अरेस्ट किया गया था. इनकी पहचान 21 वर्षीय इंजीनियर सैयद यासीन, 22 वर्षीय माज मुनीर अहमद (इंजीनियरिंग का छात्र) और 24 वर्षीय शारिक के रूप में हुई थी.
जांच में पता चला कि ये आतंकी संगठन आईएसआईएस से प्रेरित थे. वे देश में शरीया कानून लागू करना चाहते हैं. वे बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए विस्फोटक खरीदने वाले थे. इसी मामले की जांच के सिलसिले में अब लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं.