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लोहे की काट लोहे से: विपासना के जरिए हनीप्रीत तक पहुंचना चाहती है हरियाणा पुलिस

कहते हैं लोहा लोहे को काटता है. दो साध्वियों से रेप के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह की सबसे खासमखास रही हनीप्रीत को ढूंढने में हरियाणा पुलिस अब तक नाकाम रही है. पुलिस हनीप्रीत तक पहुंचने के लिए अब डेरा सच्चा सौदा की मैनेजिंग कमेटी की चेयरपर्सन विपासना इंन्सा को जरिया बनाना चाहती है. रोहतक जेल में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम का जो भी राजदार रहा है, पुलिस की अब उस पर पैनी नजर है.

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विपासना के जरिए पुलिस हनीप्रीत तक पहुंचना चाहती है
विपासना के जरिए पुलिस हनीप्रीत तक पहुंचना चाहती है

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कहते हैं लोहा लोहे को काटता है. दो साध्वियों से रेप के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह की सबसे खासमखास रही हनीप्रीत को ढूंढने में हरियाणा पुलिस अब तक नाकाम रही है. पुलिस हनीप्रीत तक पहुंचने के लिए अब डेरा सच्चा सौदा की मैनेजिंग कमेटी की चेयरपर्सन विपासना इंन्सा को जरिया बनाना चाहती है. रोहतक जेल में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम का जो भी राजदार रहा है, पुलिस की अब उस पर पैनी नजर है.

बता दें कि विपासना इन्सां और हनीप्रीत इन्सा के बीच छत्तीस का आंकड़ा माना जाता रहा है. एक तरफ जहां हनीप्रीत ने खुद को गुरमीत राम रहीम की असली वारिस होने का ऐलान कर डाला था. वहीं गुरमीत के जेल जाने के बाद से विपासना कहती आ रही है कि हनीप्रीत का डेरा सच्चा सौदा से कोई लेना देना नहीं है और ना ही उसकी कोई हिस्सेदारी है.

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साफ है कि डेरे के मालिकाना हक को लेकर विवाद है. खुद विपासना भी नहीं चाहती कि हनीप्रीत का अब डेरे में कोई दखल हो. इसी खींचतान के बीच हनीप्रीत को ढूंढना पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बना हुआ है. लुक आउट नोटिस जारी करने के बावजूद भी पुलिस हनीप्रीत का कोई सुराग नहीं लगा पाई है.

डेरा सच्चा सौदा को लेकर कई तरह की आलोचनाएँ झेल रही हरियाणा पुलिस अब विपासना इंसान को ढाल बना कर हनीप्रीत के छिपने के संभावित ठिकानों तक पहुचना चाहती है. सूत्रों का कहना है कि हरियाणा पुलिस ने विपासना सहित डेरा मैनेजमेंट कमेटी के 45 सदस्यों की सूची तलब की है. इसमें शामिल लोगों का रिकॉर्ड जांचा जा रहा है.

विपासना भी पुलिस की जांच के दायरे में है लेकिन पुलिस उसका इस्तेमाल करके हनीप्रीत तक पहुंचना चाहती है. प्रशासन का मानना है कि विपासना इंसान डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद न केवल एक पॉइंट पर्सन की भूमिका निभा रही है बल्कि उसने अभी तक डेरा के अनुयायियों वह भी नियंत्रण में रखा है. साथ ही प्रशासन को पूरा सहयोग दिया है.

विपासना के जरिए पुलिस ना सिर्फ हनीप्रीत बल्कि गुरमीत राम रहीम के दूसरे राजदारों को भी अपनी पकड़ में लाना चाहती है. इसमें डेरा के थिंक टैंक में शामिल रहे डॉक्टर आदित्य इन्सां का नाम भी शामिल है. गुरमीत के जेल जाने के बाद से आदित्य इन्सां का भी पुलिस को कोई अता पता नहीं लग रहा.

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सूत्रों के मुताबिक विपासना के फोन पर 25 अगस्त की रात को हनीप्रीत की एक कॉल आई थी. इसमें हनीप्रीत की लोकेशन राजस्थान के बाड़मेर में थी. हनीप्रीत को सार्वजनिक तौर आखिरी बार रोहतक में देखा गया था. वहां वो डेरे के एक अनुयायी के घर पर ही एक घंटे तक रुकी थी. उसकी कार आखिरी बार हिसार रोड पर जाती देखी गई थी.

उसके बाद से ही हनीप्रीत की कोई भनक तक पुलिस को नहीं लग सकी है. पुलिस पर सरकार का दबाव है कि वो जल्दी से जल्दी देशद्रोह के मामले में वांछित हनीप्रीत और आदित्य इन्सां को पकड़ कर कोर्ट मे पेश करे. बहरहाल अब देखना है कि हनीप्रीत के गुम रहने की गुत्थी हरियाणा पुलिस कब तक सुलझा पाती है.

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