मुरथल गैंगरेप मामले की जांच कर रही एसआईटी अब डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल इकट्ठा कर रही है. इसी कड़ी में एसआईटी ने हसनपुर और कुरद गांव के रहने वाले 25 लोगों के ब्लड सैंपल लिए. सभी सैंपल्स को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है.
पिछले साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान एक ऐसी घटना सामने आई थी, जिसने सभी को हिला कर रख दिया था. मामला था मुरथल में महिलाओं के साथ हुए गैंगरेप का. एक ऐसा केस जिसमें न ही कोई पीड़ित सामने आया और अभी तक न ही कोई गवाह इसकी तस्दीक कर पाया है. मगर मौके पर पड़े खून से सने महिलाओं के कपड़े और अंर्तवस्त्र शायद दबी जुबान में दरिंदगी की हकीकत बयां कर रहे थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुरथल गैंगरेप केस की जांच कर रही एसआईटी ने सोनीपत जिला स्थित हसनपुर और कुरद गांव के करीब 25 ग्रामीणों की डीएनए जांच के लिए ब्लड सैंपल इकट्ठा किए. 30 साल के किसान और दो बच्चों के पिता विजय कुमार ने बताया कि गांव के सरपंच के पास से मिली लिस्ट में उनका नाम देखकर वह हैरान रह गए.
ब्लड सैंपल के दुरूपयोग की जताई आशंका
विजय ने बताया कि उनके पास और कोई चारा नहीं था, लिहाजा वह ब्लड सैंपल दे आए. उन्होंने बताया, अस्पताल में किसी तरह की कागजी कार्रवाई नहीं हुई, जिसके कारण विजय ने ब्लड सैंपल के दुरूपयोग की भी आशंका जताई. विजय की मानें तो बीते एक साल से उनकी जिंदगी खराब हो गई है. पुलिस, एसआईटी और मीडिया उनसे तरह-तरह के सवाल पूछती है. जिसकी वजह से उनकी छवि काफी खराब हो चुकी है.
एक साल से झेल रहे हैं बदनामी का दंश
वहीं इस लिस्ट में शामिल 26 साल के विक्की कहते हैं कि पिछले एक साल से वह बदनामी का दंश झेल रहे हैं. विक्की ने बताया कि जब वह नौकरी के लिए इंटरव्यू में जाते हैं और खुद को हसनपुर निवासी बताते हैं तो उन्हें वहां से वापस भेज दिया जाता है. विक्की ने आगे कहा, उन्होंने खुद अपनी मर्जी से डीएनए जांच के लिए ब्लड सैंपल दिया है ताकि सच सामने आए और वह बेगुनाह साबित हो सके.
महिला यात्रियों के साथ हुआ था गैंगरेप
बताते चलें कि राजधानी दिल्ली से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर हरियाणा के मुरथल में पिछले साल 22 फरवरी की रात दरिंदगी की इंतेहा पार हो गई. जाट आंदोलनकारियों ने नेशनल हाईवे-1 को ब्लॉक करने के बाद महिला यात्रियों के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. इस मामले में 30 मार्च, 2016 को हसनपुर और कुरद गांव के पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
एसआईटी सौंप चुकी है 10 स्टेटस रिपोर्ट
इन पांच लोगों के नाम विनय, जतिंदर, जयदीप, जसबीर और भानु प्रताप थे. सबूतों के अभाव में इन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया. इस मामले में एसआईटी कोर्ट को अभी तक 10 स्टेटस रिपोर्ट सौंप चुकी है. गुरुवार को सौंपी गई रिपोर्ट में एसआईटी ने डीएनए जांच के लिए इकट्ठा किए गए ब्लड सैंपल्स को फोरेंसिक लैब भेजे जाने की बात कही.
कई संदिग्ध नहीं कर रहे हैं सहयोग
वहीं कई संदिग्ध आरोपियों द्वारा सहयोग नहीं किए जाने की बात भी एसआईटी ने कोर्ट को बताई. फिलहाल कोर्ट ने 6 अप्रैल को होने वाली सुनवाई के दौरान एसआईटी से फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. एसआईटी टीम के एक सदस्य ने बताया कि यह एक बहुत ही कमजोर केस है. इस केस में न ही उनके सामने पीड़ित है और न ही कोई गवाह. फिर भी टीम हर संभव कोशिशों से सच सामने लाने की कवायद में जुटी है.