बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के पेपर लीक मामले में कुछ विधायकों और रसूखदारों के नाम भी सामने आ रहे हैं. इन विधायकों में दो पटना और एक औरंगाबाद जिले के हैं और अलग-अलग दलों से ताल्लुक रखते हैं. खुलासा हुआ है कि इन सफेदपोश लोगों के तीन दर्जन से ज्यादा कैंडिडेट्स का सेंटर यहां दिलवा कर उन्हें पास कराने का पूरा बंदोबस्त किया गया था.
बिहार में बीएसएससी पेपर लीक मामले की जांच में विधायकों और रसूखदार शख्सियतों का नाम सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि अब तक इसमें शामिल किसी विधायक या अन्य सफेदपोशों के नाम आधिकारिक रूप से सामने नहीं आएं हैं. जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही इनके नामों का खुलासा होने की संभावना है.
बताते चलें कि एसआईटी ने गुरुवार को एवीएन स्कूल के निदेशक व औरंगाबाद जिले के निवासी रामाशीष सिंह समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था. एसआईटी का यह दावा है कि इसी सेंटर से आधा घंटा पहले बीएसएससी पेपर लीक हुआ था. सूत्रों के अनुसार, रामाशीष सिंह की गिरफ्तारी के बाद से औरंगाबाद जिले के विधायक का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बता रहा है.
रामाशीष सिंह के नजदीकी लोग इस विधायक से लगातार संपर्क कर रहे हैं, लेकिन विधायक से अभी तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है. पुलिस ने 9 फरवरी को रामाशीष सिंह को मीडिया के सामने पेश कर उसकी गिरफ्तारी की बात कही थी. वहीं बीएसएससी की परीक्षा के पेपर और उत्तर सोशल मीडिया पर लीक होने के मामले में नया खुलासा हुआ है.
अभ्यर्थी चिट लेकर पहुंचे थे सेंटर
कई सेंटरों पर प्रश्नों के उत्तर की पर्चियां भी पहुंचाई गई थी. कुछ अभ्यर्थी तो चिट के रूप में इसे लेकर परीक्षा में पहुंचे थे. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज एफआईआर की जांच में यह बात सामने आई है. एसआईटी की टीम ने शुक्रवार को बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार से एक घंटे तक पूछताछ की.
नेता करते हैं अभ्यर्थियों की पैरवी
सुधीर कुमार ने एसआईटी टीम को बताया कि कई नेताओं की पैरवी अक्सर उनके पास पहुंचती रही है. एसआईटी के सदस्य एएसपी राकेश दुबे ने बताया कि भी इस मसले पर अध्यक्ष की संलिप्तता पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. एएसपी ने कहा, एसआईटी सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है. इस मामले में जल्द संलिप्त लोगों को गिरफ्तार कर खुलासा किया जाएगा.
बिहार को बदनाम कर रहे हैं लोग
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बारे में कहा कि बिहार में कानून का राज है. लोग बिहार को सिर्फ बदनाम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने टॉपर घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि उस घोटाले में सभी दोषी जेल गए थे. अब बीएसएससी का पेपर लीक मामला सामने आया है. इसमें भी किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर हो गए थे वायरल
गौरतलब है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की दूसरे चरण की परीक्षा से पहले ही उसके प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर वायरल हो गए थे. इसे लेकर पुलिस विभाग और कर्मचारी चयन आयोग में हड़कंप मचा रहा. जिलाधिकारी और कर्मचारी आयोग की सारी दलीलों को धता बता परीक्षा के प्रश्नपत्र और उत्तर पंजिका कई हजार रुपये में बिकते रहे.
राजनीतिक दल आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं
पटना के 72 केंद्रों के अलावा बिहार के 742 केंद्रों पर बीएसएससी की परीक्षा आयोजित की गई थी. कुछ प्रमुख राजनीतिक दल इसे लेकर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. वहीं बीते सोमवार गुस्साए आईसा और एबीवीपी छात्रों ने आयोग के दफ्तर में जमकर हंगामा किया था और आयोग के सचिव परमेश्वर राम और उनके पीए की जमकर पिटाई कर दी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट मीटिंग में इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया था.