दिल्ली के तिमारपुर में बैग में छह दिन पहले जिस बच्ची की लाश मिली थी, उसकी पहचान हो चुकी है. पुलिस के मुताबिक बच्ची उत्तर-पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके की रहने वाली थी. उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 22 अक्टूबर को ही दर्ज करा दी गई थी, लेकिन पुलिस बच्ची का कोई सुराग नहीं लगी सकी थी.
तिमारपुर के जगतपुर इलाके में 28 अक्टूबर रविवार की सुबह 7 बजे के करीब लोगों की नजर यमुना बायोडायवर्सिटी की दीवार के साथ रखे एक ट्रॉली बैग पर पड़ी. धीरे-धीरे लोगों की भीड़ वहां लगा गई.
इस बीच भीड़ में से ही किसी ने पुलिस को फोन कर लावारिस बैग की जानकारी दी. खबर मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जब बैग को खोलकर देखा तो उसमें उसे एक बच्ची की लाश मिली थी.
पुलिस ने आसपास के थानों से पता किया कि किन जगहों पर बच्चियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है. इस बीच पता लगा कि वेलकम इलाके से 22 अक्टूबर से एक 10 साल की बच्ची गायब है.
बच्ची के घरवालों को तुरंत बुलाकर लाश की पहचान कराई गई तो उन्होंने अपनी बेटी को पहचान लिया. घरवालों का कहना है कि बच्ची 22 अक्टूबर को पढ़ने के लिए पड़ोस के घर गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी.
घरवालों ने आसपास तलाशने के बाद वेलकम थाने में शिकायत दी. जिसके बाद वेलकम पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली थी.
मृतका के घरवालों के मुताबिक, उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, न ही किसी ने फोन कर फिरौती की मांग की गई.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर किसने और किस मकसद से बच्ची का अपहरण किया फिर उसका कत्ल करके लाश बैग में भरकर फेंक दी. पुलिस इन सवालों के जवाब तलाशने में जुटी है.