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'नक्सलियों ने सुनियोजित रूप से की थी सोमनाथ की हत्या'

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस और गृह विभाग के आला अफसरों की एक विशेष बैठक में सोमनाथ हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की समीक्षा की गई. इस बैठक में डीजीपी, डीजीपी नक्सल ऑपरेशन, एडीजीपी इंटेलिजेंस और राज्य के गृह सचिव ने हत्याकांड की सिलसिलेवार समीक्षा की है.

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नक्सलियों ने दिया वारदात को अंजाम
नक्सलियों ने दिया वारदात को अंजाम

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस और गृह विभाग के आला अफसरों की एक विशेष बैठक में सोमनाथ हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की समीक्षा की गई. इस बैठक में डीजीपी, डीजीपी नक्सल ऑपरेशन, एडीजीपी इंटेलिजेंस और राज्य के गृह सचिव ने हत्याकांड की सिलसिलेवार समीक्षा की है. बस्तर पुलिस की कार्रवाई का बारीकी से परीक्षण करने के बाद सोमनाथ के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है.

पुलिस ने संकेत दिए हैं कि प्रोफेसर नंदनी सुन्दर और अर्चना प्रसाद की गिरफ्तारी होगी. इसके लिए दो टीम गठित की गई हैं. जो दिल्ली जाएंगी. इसके अलावा चार अन्य टीम शेष आरोपियों की गिरफ्तारी और उन सबूतों को इकट्ठा करेंगी. इससे इस बात का खुलासा होगा की जेएनयू और डीयू के कुछ प्रोफेसर और छात्र नक्सलियों के लिए जमीन तैयार करने का काम करते हैं. जेएनयू और डीयू के महत्वपूर्ण पदाधिकारियो के बयान भी दर्ज होगा.

ये लोग बस्तर में आदिवासी मामलों और नक्सलवाद को लेकर अधिकृत रूप से रिसर्च कर रहे हैं. दरअसल दिल्ली से बस्तर आने वाले छात्र और अध्यापक अक्सर यही कहते हैं कि वो रिसर्च के लिए यहां आए हैं. जबकि पुलिस ने उनकी गतिविधियों को संदेह जनक पाया. इस बैठक में नंदनी सुन्दर और अर्चना प्रसाद समेत करीब 12 लोगों का ब्यौरा पेश किया गया, जो अक्सर बस्तर में भ्रमण कर ग्रामीणों के साथ मेल मुलाकात करते हैं.

बस्तर पुलिस ने आला अफसरों के समक्ष उन शिकायतों को भी पेश किया जो मृतक सोमनाथ और दूसरे ग्रामीणों ने समय समय पर स्थानीय थानों को सौंपी थी. इनमें मृतक सोमनाथ समेत कई ग्रामीणों ने अपनी हत्या की आशंका जताई थी. इन्ही पत्रों में कुछ एक नक्सलियों समेत नंदनी सुन्दर और अर्चना प्रसाद द्वरा ग्रामीणों को नक्सलियों की मदद की बात का जिक्र है. मदद न करने की शर्त पर नक्सलियों द्वारा जान से मारने की धमकी का जिक्र है.

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