हरियाणा के सोनीपत में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित एक जाने-माने वैद्य ने पुलिस से तंग आकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने गन्नौर रेलवे स्टेशन पर तेज गति से आ रही एक मालगाड़ी के सामने कूदकर जान दे दी. पुलिस ने उनके बैग से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है.
65 वर्षीय वैद्य वीरचंद जैन गन्नौर कस्बे के शास्त्री नगर में किराए पर रहते थे. उनके काम के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका था. दरअसल, 26 जनवरी 2017 अचानक उनकी बेटी आरती जैन लापता हो गई थी. वह घर से जैन मंदिर जाने के लिए निकली थी, मगर लौटकर घर नहीं आई.
इस मामले में वीरचंद जैन ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था. लेकिन इतना वक्त बीत जाने पर भी पुलिस उनकी बेटी का सुराग लगा पाने में नाकाम रही. आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में सही तरीके से कार्रवाई नहीं की. पुलिस की अनदेखी और प्रताड़ना से तंग आकर वीरचंद जैन गुरुवार को अपनी पत्नी के साथ गन्नौर रेलवे स्टेशन पहुंचे और अचानक तेज गति से आ रही एक मालगाड़ी के सामने कूद गए. जिसकी वजह से उनकी जान चली गई.
जब जीआरपी ने उनके बैग की तलाशी ली तो उन्हें मृतक का लिखा एक सुसाइड नोट बरामद हुआ. जिसमें मृकर वीरचंद जैन ने गन्नौर थाने के पूर्व थाना प्रभारी देवेंद्र, कांस्टेबल सतीश, शमशेर, और रीडर लोकेश उत्पीड़न का आरोप लगाया है. जैन ने सुसाइड नोट में लिखा कि इन पुलिसकर्मियों ने उनकी बेटी के मामले को दबा दिया.
जीआरपी ने सुसाइड नोट और मृतक वैद्य वीरचंद जैन के पुत्र राकेश जैन की शिकायत पर चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कर लिया है. हालांकि आरोपी पुलिसकर्मी खुद को बेकसूर बता रहे हैं. उनका कहना है कि एक लड़की की लाश मिली थी. वीरचंद जैन के आग्रह पर उसका डीएनए कराया गया था, जो मैच नहीं हुआ था.
जीआरपी अब इस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. अभी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पुलिस ने वीरचंद जैन का शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिवार को सौंप दिया है.