बहुचर्चित सुनंदा पुष्कर हत्या के केस को पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धमेंद्र सिंह ने एडिशल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को ट्रांसफर कर दिया है.
केस ट्रांसफर करते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया जिसमें MP और MLA से जुड़े सभी केस की अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करने और एक साल में केस का निपटारा करने को कहा गया है. अब 28 मई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.
कोर्ट के बाहर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मीडिया से कहा कि वह केस में हस्तक्षेप याचिका दायर करेंगे, जिसमें कोर्ट से आईपीसी की धारा 201 (साक्ष्यों को नष्ट करने) और 302 (हत्या) जैसी धाराओं को जोड़ने की मांग करेंगे. अगली सुनवाई पर कोर्ट इस मामले में दायर 3000 पन्नों की चार्जशीट की स्क्रूटनी करेगी.
जिसके बाद कोर्ट इस पर संज्ञान लेगा और फिर शशि थरूर को समन कर सकता है. अगर शशि थरूर पर दोष साबित हो जाता है तो उन्हें धारा 306 में 10 साल और 489 ए में तीन साल की सजा हो सकती है. गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस भी दर्ज किया है. जिसके बाद नए सिरे से एसआईटी ने जांच की और पिछले हफ्ते पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर की है.
घटना के 4 साल चार माह बाद 14 मई को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दायर की थी. दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाना और 498A वैवाहिक जीवन मे प्रताड़ना (क्रूर बर्ताव करना) के तहत चार्जशीट दाखिल की है.
चार्जशीट में पुलिस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को संदिग्ध आरोपी माना है. पुलिस ने सुनंदा के मेडिकल रिपोर्ट, फोरेंसिक रिपोर्ट और एक्सपर्ट की राय आधार पर ये चार्जशीट दाखिल की है.
आपको बता दें कि 17 जनवरी, 2014 की रात साउथ दिल्ली के लीला पैलेस होटल में संदिग्ध हालात में सुनंदा पुष्कर की मौत हो गई थी. सुनंदा होटल के एक कमरे में बेड पर मृत पड़ी मिली थीं. करीब एक साल बाद मेडिकल रिपोर्ट आने पर सुनंदा की मौत को संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने 6 जनवरी, 2015 में हत्या का मामला दर्ज किया था.