सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एडिशनल चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुए. कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए जमानत दे दी है. इस मामले में 26 जुलाई को अगली सुनवाई होगी. इससे पहले उन्हें अंतरिम जमानत मिली हुई थी.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि थरूर कोर्ट के समन के आदेश पर पेश हुए. उन्हें कॉपी मुहैया कराई जाए. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने सुब्रमण्यम स्वामी के आवेदन का विरोध किया. कोर्ट ने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी की मांग विचार योग्य नहीं. स्वामी ने मुकदमे में प्रॉसिक्यूशन को सहयोग देने और पुलिस को विजिलेंस जांच की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिये जाने की मांग की है. इस मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.
Today, the Delhi police and counsel for accused said my position is not maintainable, I argued it under section 302 CrPc, I am entitled. Question of maintainability is irrelevant. I am here to see that trial is fair and Delhi Police does not botch it: S Swamy #SunandaPushkar pic.twitter.com/RW0NyOqdKs
— ANI (@ANI) July 7, 2018
दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में थरूर को आत्महत्या के लिए उकसाने और पत्नी के साथ क्रूरता बरतने का आरोपी बनाया है. गुरुवार को ही पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें इस मामले में अग्रिम ज़मानत दे दी थी. हालांकि दिल्ली पुलिस ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर राहत दे दी थी.
गौरतलब है कि 17 जनवरी, 2014 की रात दिल्ली के एक 5 स्टार होटल के कमरे में कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर (51) मृत मिली थीं. कथित तौर पर इससे एक दिन पहले सुनंदा और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर बहस हुई थी..
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर सहित कई व्यक्तियों से पूछताछ की जा चुकी है. दिल्ली पुलिस थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और दोस्त संजय दीवान का पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवा चुकी है. यहां तक की विसरा को दोबारा जांच के लिए एफबीआइ लैब भेजा गया, फिर भी कुछ पता नहीं लग पाया था.
29 सितंबर 2014 को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपा था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है. बोर्ड ने कहा था कि कई ऐसे रसायन हैं जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते हैं. लिहाजा, उनके वास्तविक रूप के बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल होता है.