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सुषमा ने की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

दिल्ली में रविवार को एक चलती बस में हुए सामूहिक बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नौजवानों पर की गई पुलिस कार्रवाई की राजनीतिक दलों ने सख्त निंदा की है. वहीं, बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने इस जघन्य अपराध से जुड़े मौजूदा कानून को सख्त बनाए जाने के लिए प्रधानमंत्री से संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया.

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दिल्ली में रविवार को एक चलती बस में हुए सामूहिक बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नौजवानों पर की गई पुलिस कार्रवाई की राजनीतिक दलों ने सख्त निंदा की है. वहीं, बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने इस जघन्य अपराध से जुड़े मौजूदा कानून को सख्त बनाए जाने के लिए प्रधानमंत्री से संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया.

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राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ. राष्ट्रपति भवन और संसद भवन के पास प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिस पर बीजेपी और वामदलों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष पर इस घटना पर चुप्पी साधे रखने का आरोप लगाया.

सुषमा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बात कर उनसे संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया है ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को कठोर सजा देने के लिए कानून में बदलाव हो सके. सुषमा ने ट्विटर पर बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे कहा है कि वह इस सुझाव पर विचार करेंगे.

भाजपा ने प्रधानमंत्री और सोनिया से महिलाओं की सुरक्षा पर देश को भरोसा दिलाये जाने की भी मांग की है. पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री को लोगों को संबोधित करना चाहिए. पुलिस को संवेदनशील होना चाहिए. जिस तरह से उसने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, उन पर पानी की बौछार की और इसके प्रति पुलिस एवं प्रशासन का जो पूरा रवैया है वह बहुत अफसोसजनक और निंदनीय है.

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पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए वामदलों ने भी प्रधानमंत्री से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने के बारे में राष्ट्र को यह भरोसा दिलाने को कहा. भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा, ‘यदि प्रधानमंत्री खुदरा कारोबार में एफडीआई की इजाजत के मुद्दे पर राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं तो उन्हें महिलाओं के खिलाफ इस तरह के वीभत्स अपराध होने पर समय क्यों नहीं मिल रहा है.’

उधर, मुंबई से प्राप्त खबर के मुताबिक भारिपा बहुजन महासंघ (बीबीएम) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने भी मौजूदा कानून में मौजूद खामियों को दूर करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की ताकि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और खास तौर पर बलात्कार के मामलों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके.

डॉ. भीम राव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश ने कहा, ‘सड़कों पर और मीडिया के जरिये बहस करने की बजाय वक्त की दरकार है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि आईपीसी और सीआरपीसी में संशोधन किया जा सके.’ दलित नेता ने कहा कि जहां कहीं भी जरूरत हो विशेष अदालतें स्थापित की जाए ताकि लंबित मामलों का त्वरित निपटारा हो सके. उन्होंने इस मुद्दे पर दिल्ली में हो रहे छात्रों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि यह शुभ संकेत है कि आज के युवा स्वतंत्र हैं और किसी राजनीतिक पार्टी के बैनर तले प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. इससे जाहिर होता है कि युवा पीढ़ी संवेदनशील है.’

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